ISRO: कुछ ही देर में मिशन सूर्य की गड़गड़ाहट से गुंज उठेगा आसमान, इसरो लैग्रेंजियन बिंदु पर भेज रहा आदित्य-एल1

ISRO Solar Mission Aditya-L1 Launch LIVE Updates: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन आज भारत के पहले सोलर मिशन आदित्य-एल1 (Aditya L1) को लॉन्च करने के लिए तैयार है। आपको बता दें कि आदित्‍य एल1 की लॉन्चिंग आज सुबह 11.50  मिनट पर PSLV-C57 रॉकेट से की जाएगी। PSLV-C57 रॉकेट से की य‍ह 59वीं उड़ान होगी। पीएसएलवी आदित्य-एल1 को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करेगा। जहां से आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान अपने लिक्विड एपोजी मोटर्स के शक्तिशाली इंजनों का उपयोग करके कई बार अपनी कक्षा को बढ़ाएगा। जो इसे आदित्य-एल1 को अपने गंतव्य तक- लगभग 15 लाख किमी। दूर लैग्रेंज प्वाइंट-1 (एल1) तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाएंगे। यह पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी का 1/100वां हिस्सा है। वहीं, इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि सूर्य मिशन को सटीक त्रिज्या तक पहुंचने में 125 दिन लगेंगे।

 

सोलर मिशन आदित्य एल-1 के फायदे

इसरो के मुताबिक ब्‍लैकहोल्‍स वाले ऑर्बिट में आदित्य-एल1 को भेजने से एक बड़ा लाभ है क्योंकि यह बिना किसी ग्रह की बाधा के लगातार सूर्य को देख सकता है। इसरो ने कहा कि इससे वास्तविक समय में सौर गतिविधियों और अंतरिक्ष मौसम पर इसके असर को देखने का अधिक लाभ मिलेगा। आदित्य एल-1 के 4 पेलोड सीधे सूर्य को देखेंगे, और शेष 3 एल1 बिंदु पर कणों और इलाके का लगातार अध्ययन करेंगे।

आदित्‍य एल1 के उद्देश्‍य

आदित्य-एल1 भारत का पहला जबकि दुनिया का 23 वां सौर मिशन है, सूरज का बहुत महत्वपूर्ण वैज्ञानिक अध्ययन करने के लिए तैयार किया गया है। इससे उपलब्ध कराए गए डेटा का उपयोग यह पता लगाने के लिए किया जाएगा कि कोरोना का तापमान लगभग दस लाख डिग्री सेल्सियस तक कैसे पहुंच जाता है, जबकि सूर्य की सतह पर तापमान 6000 डिग्री सेंटीग्रेड से थोड़ा अधिक रहता है। आदित्य-एल1 सूरज के कोरोना और सोलर क्रोमोस्फीयर की जानकारी देगा। यह यूवी पेलोड का उपयोग करके किया जाएगा।

 

 

 

 

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