New Rules: साइबर ठगी को लेकर सरकार के सख्त कदम, अब KYC के बिना नहीं खरीद सकते सिम कार्ड

SIM Card New Rules : इन दिनों साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है इस पर नकेल कसने के लिए सरकार ने सख्‍त कदम उठाया है। आपको बता दें कि साइबर ठगी के मामलों और एक ही पहचान-पत्र पर कई सिम कार्ड एक्टिवेट होने की खबरों का संज्ञान लेते हुए सरकार ने अब सिम की बिक्री के नियम सख्‍त कर दिए हैं। सरकार ने बल्क सिम जारी करने का प्रावधान खत्म कर दिया है।

दरअसल, अब जो डीलर सिम कार्ड बेचते हैं, उनका वैरिफिकेशन भी टेलीकॉम कंपनियों को करना होगा। इसके अलावा बिना KYC के टेलीकॉम कंपनियां किसी दुकान को अपना सिम कार्ड बेचने की अनुमति नहीं देंगी। यदि कोई कंपनी ऐसा करती है तो उस पर प्रति दुकान 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।

वहीं, दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव का कहना है कि सरकार फर्जीवाड़े पर सख्‍त कार्रवाई कर रही है। सरकार ने 66,000 धोखाधड़ी वाले WhatsApp अकाउंट को ब्लॉक कर दिया है। जबकि 67,000 सिम कार्ड डीलरों को ब्लैकलिस्ट किया गया है। इतना ही नहीं, अब तक 52 लाख मोबाइल सिम को बंद भी कर दिया है। उन्‍होंने कहा कि अब तक धोखेबाजों द्वारा इस्तेमाल किए गए लगभग 8 लाख बैंक वॉलेट अकाउंट फ्रीज किए गए हैं।

1 अक्‍टूबर से लागू होंगे नए नियम
दरअसल, सरकार के नए नियमों का उद्देश्‍य धोखाधड़ी से मोबाइल सिम कार्ड की बिक्री को रोकना है। ये नियम 1 अक्टूबर से लागू होंगे जिसके लिए टेलीकॉम ऑपरेटरों को 30 सितंबर से पहले सभी ‘प्वाइंट ऑफ सेल’ (POS) को रजिस्टर करना होगा। DoT ने टेलीकॉम ऑपरेटरों पर अपंजीकृत डीलरों के माध्‍यम से सिम कार्ड की बिक्री के लिए 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाने की भी घोषणा की है। आपको बता दें कि सिम कार्ड बेचने वाले व्यापारियों को अब पुलिस वैरीफिकेशन के साथ ही बायोमीट्रिक वैरीफिकेशन भी करवाना होगा। इसके साथ ही रजिस्ट्रेशन भी अनिवार्य कर दिया गया है।  रजिस्‍ट्रेशन की जिम्मेदारी टेलीकॉम ऑपरेटर की होगी।

वर्तमान में सिम कार्ड बेचने वाले व्यापारियों के लिए सरकार ने 12 महीने का समय दिया है जिसमें वह अपना वैरीफिकेशन करवा सकते हैं और रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। सरकार इस कदम की मदद से धोखेबाज व्यापारियों को पहचानने, उन्हें ब्लैकलिस्ट कर उन्‍हें सिस्टम से बाहर करेगी।

सरकार के इस नियम के मुताबिक, यदि पुराने सिम कार्ड के खो जाता है या खराब हो जाता है तो उसी नंबर का नया सिम कार्ड  लेते समय उपभोक्‍ता को डिटेल वेरिफिकेशन प्रोसेस से गुजरना होगा। यानी नया सिम लेने के लिए जिस तरह ग्राहक का वेरिफिकेशन किया जाता है, उसी तरह डुप्‍लीकेट सिम लेते समय भी किया जाएगा। ऐसा इसलिए किया गया है,  जिससे की यह सुनिश्चित किया जा सके कि सिम उसी को मिल रही है, जिसकी सिम खोई या खराब हुई है।

 

 

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