Varanasi: प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र काशी में योगी सरकार का विकास के साथ ही रोजगार के अवसर बढ़ाने पर भी जोर है. काशी में प्रतिष्ठित घरेलू कंपनियों के साथ ही मल्टीनेशनल कंपनियां भी युवा प्रतिभाओं की तलाश में आ रही हैं. अप्रैल से सितंबर तक 6 महीने में 7 विधानसभाओं में रोजगार मेले लगे. इसमें शामिल 356 कंपनियों ने हिस्सा लिया और 700 से अधिक युवाओं को रोजगार से जोड़ा गया.
छह महीने में लगाए गए 13 रोजगार मेले
रोजगार मेला प्रभारी दीप सिंह ने बताया कि इस वर्ष अप्रैल से सितंबर तक विधानसभावार 6 महीनों में 7 विधानसभा में रोजगार मेले का आयोजन किया गया. इसमें लगे 13 रोजगार मेलों में 356 कंपनियों ने प्रतिभाग किया. इसमें 16401 युवाओं ने प्रतिभाग किया. इसमें 1700 युवाओं का चयन हुआ. इसमें 1661 पुरुष, 37 महिलाएं व 7 दिव्यांगजन शामिल हैं.
पूर्वांचल में लगातार सृजित हो रहे रोजगार के अवसर
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस की नीति अब रंग लाने लगी है. कानून व्यवस्था, सुगम परिवहन ने उत्तर प्रदेश में कारोबारियों को अच्छा माहौल दिया है. देश की नामी-गिरामी कंपनियां अब उत्तर प्रदेश में आकर प्रतिभाएं खोज रही हैं. पूर्वांचल में लगातार रोजगार के अवसरों का सृजन हो रहा है.
योगी ने बदली पूर्वांचल की पहचान
पूर्वांचल की पहचान अब माफिया और गुंडों से नहीं, बल्कि उद्योग-धंधों से होने लगी है. योगी सरकार का असामाजिक तत्वों पर शिकंजा कसने से पूर्वांचल की ओर कंपनियों के क़दम बढ़ रहे हैं. जिसका नतीजा है वाराणसी में लगे रोजगार मेले में युवाओं को अच्छे पैकेज पर नौकरी व रोजगार मिल रहा है. क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय के रोजगार मेला प्रभारी दीप सिंह ने बताया कि अप्रैल से सितंबर तक विधानसभा वार वाराणसी के सात विधानसभा क्षेत्रों में रोजगार मेले का आयोजन किया गया है, शेष बची एक विधानसभा में जल्द ही रोजगार मेला लगाया जाएगा.