Japan SLIM Moon Mission: जापान का मिशन मून ‘स्नाइपर’ आज चांद की सतह पर लैंड करने वाला है. ऐसे में यदि आज चांद पर जापान का यह मिशन सफल हो गया तो चांद पर पहुंचने वाला जापान दुनिया का पांचवा देश बन जाएगा. दरअसल, जापान की स्पेस एजेंसी JAXA ने बताया कि स्नाइपर आज रात 9 बजे चांद की सतह पर लैंड करने वाला है. बता दें कि जापान ने 6 सितंबर, 2023 को अपने स्नाइपर को चांद के लिए रवाना किया था.
Japan SLIM Moon Mission: 25 दिसंबर को चांद की ऑर्बिट में पहुंचा था स्नाइपर
भारत के मिशन चंद्रयान-3 की तरह ही इस समय पूरी दुनिया की नजर जापान के ‘स्नाइपर’ मिशन पर टिकी हुई है. जापान स्पेस एजेंसी JAXA के मुताबिक, इसका लैंडिंग प्रोसेस कुल 20 मिनट का होगा. दरअसल, स्नाइपर 25 दिसंबर 2023 को चांद की ऑर्बिट में पहुंच गया था और उसके बाद से लगातार चांद की ओर बढ़ रहा है.
Japan SLIM Moon Mission: एडवांस्ड टेक्नोलॉजी से लैस स्नाइपर
बता दें कि जापान का स्नाइपर पहले हुए मून मिशन में लैंडिंग के लिहाज से सबसे एडवांस्ड टेक्नोलॉजी से लैस है. इसके लैंडिग स्थान में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है यानी इसे तय स्थान पर ही उतारा जाएगा. SLIM एक हल्का रोबोटिक लैंडर है. इस मिशन को मून स्नाइपर (Moon Sniper) भी कहा जा रहा है. यह मिशन करीब 831 करोड़ रुपए से अधिक का है.
JAXA के अनुसार, वह शुक्रवार को 20 मिनट का टचडाउन चरण शुरू करेगा, जो चंद्र भूमध्य रेखा के ठीक दक्षिण में एक क्रेटर की ढलान पर स्थित करीब दो एथलेटिक ट्रैक के आकार की साइट पर उतरने की कोशिश करेगा.
Japan SLIM Moon Mission: चांद पर क्या खोजेगा स्नाइपर?
आपको बता दें कि जापान के मून मिशन स्नाइपर का टारगेट चांद के शिओली क्रेटर (गड्ढे) की जांच करना है. ये चांद के सी-ऑफ नेक्टर हिस्से में है. इससे हिस्से में स्नाइपर इस चीज का पता लगाएंगा की चांद कैसे बना था. इसके साथ ही यहां मिनरल्स की जांच की जाएगी और साथ ही उसके अंदरूनी हिस्सों के बारे में पता लगाया जाएगा.
जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) ने बताया कि SLIM एक प्रायोगिक तकनीक का परीक्षण करेगा, यह पानी और चंद्रमा पर जीवन को बनाए रखने वाले अन्य कारकों की खोज के लिए अभूतपूर्व और आवश्यक है.
Japan SLIM Moon Mission: स्नाइपर के सामने होंगी चुनौतियां
चांद पर अब तक सिर्फ चार देशों ने सॉफ्ट लैंडिग कराई है, जिसमें पूर्व सोवियत संघ, संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और भारत शामिल है. वहीं, स्नाइपर के सॉफ्ट लैंडिग करने के बाद ये पांचवां देश बन जाएगा. JAXA दो बार छोटे क्षुद्रग्रहों पर लैंडिंग की है, लेकिन चांद के गुरुत्वाकर्षण के कारण उस पर उतरना कुछ मुश्किल है.
पिछले साल, रूस और जापानी स्टार्टअप आईस्पेस इंक का यान चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इसके अलावा, अमेरिकी स्टार्टअप एस्ट्रोबोटिक के एक लैंडर में पिछले हफ्ते ईंधन रिसाव हो गया था, जिसके बाद उसे लैंडिंग का प्रयास छोड़ना पड़ा.
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