India-UAE: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के दो दिवसीय दौरे पर जा रहे हैं. जहां वो अबू धाबी में हिंदू मंदिर-बीएपीएस मंदिर का उद्घाटन करेंगे. साथ ही दोनों देशों के बीच संबंधों और डिजिटल संरचना विकसित करने और ऊर्जा संबंधी पहलुओं पर भी विस्तार से चर्चा की जाएगी. पीएम मोदी के दौरे से पहले ही आई एक रिपोर्ट के मुताबिक आयोजक खराब मौसम के कारण थोड़े परेशान हैं, लेकिन प्रधानमंत्री की अगवानी को लेकर इनके उत्साह में कोई कमी नहीं आई है.
आपको बता दें कि अबू धाबी में आयोजकों ने पीएम मोदी की मौजूदगी वाले इस कार्यक्रम को अहलान मोदी टाइटल दिया है. पीएम मोदी की 2015 के बाद से यह यूएई की 7वीं और पिछले आठ महीनों में तीसरी यात्रा है. वहां, प्रधानमंत्री मोदी यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे.
India-UAE: पीएम मोदी स्टेडियम में विशाल जनसमूह को संबोधित करेंगे
अबू धाबी में प्रधानमंत्री के विशाल कार्यक्रम के बारे में जारी बयान के अनुसार, पीएम मोदी जायद स्पोर्ट्स सिटी स्टेडियम में ‘अहलान मोदी’ कार्यक्रम को संबोधित करेंगे. सूत्रों के मुताबिक, संयुक्त अरब अमीरात में खराब मौसम के बावजूद यहां रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों के उत्साह में कोई कमी नहीं आई है. पीएम मोदी के मौजूदगी वाले इस कार्यक्रम के लिए करीब 2,500 से अधिक लोगों ने भारी बारिश के बावजूद फुल ग्राउंड रिहर्सल की.
India-UAE: 700 से अधिक सांस्कृतिक कलाकार करेंगे परफॉर्म
प्रधानमंत्री मोदी के आगमन के बाद अबू धाबी के स्टेडिम में कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण में 700 से अधिक सांस्कृतिक कलाकार परफॉर्म करेंगे. कार्यक्रम में भारतीय कलाओं की विविधता का जीवंत चित्रण होगा. इसें साथ ही दोनों देशों की समावेशी संस्कृति की झलक भी देखने को मिलेगी.
India-UAE: दोनों देशों के रिश्ते के लिए अहम साबित होगी यात्रा
पीएम मोदी की दो दिवसीय यात्रा के बारे में विदेश मंत्रालय ने सोमवार को विस्तार से जानकारी दी. बताया गया कि दोनों देशों के बीच ऊर्जा, बंदरगाह, फिनटेक, डिजिटल बुनियादी ढांचा, रेलवे और निवेश प्रवाह के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर मंथन होगा. साथ ही दोनों देश कई प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए जा सकते है.
विदेश सचिव ने कहा कि बंदरगाहों और समुद्री क्षेत्र में सहयोग के लिए भी दोनों देशों के बीच कुछ सहमति बन सकती है. वहीं, दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं के बीच डिजिटल सहयोग महत्वपूर्ण है. ऐसे में दोनों देशों के बीच डिजिटल बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में निवेश पर सहमति की संभावनाओं पर मंथन होगा.