UP News: उत्तर प्रदेश में एमबीबीएस, नीट पीजी या फिर कोई अंडरग्रजुएट मेडिकल कोर्स करने वाले के लिए खुशखबरी है. यूपी की योगी सरकार ने सरकारी व प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों से यूजी, पीजी या सुपर स्पेशलिटी कोर्सों की पढ़ाई बीच में ही छोड़ने वालों को बड़ी राहत दी है. सरकार ने फैसला लिया है कि सीट छोड़ने वाले छात्रों को अब इसके लिए जुर्माना नहीं भरना होगा. बता दें कि सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पीजी कोर्सों के लिए ये जुर्माना अभी तक 5 लाख रुपये तक था जबकि प्राइवेट मेडिकल कॉलेज संबंधित छात्र से पूरी फीस वसूले जाते थे.
हटा जुर्माने का प्रावधान
दरअसल एमबीबीएस या बीडीएस करने वाला कोई छात्र अगर बीच में सीट छोड़ता है तो अभी तक उसे 1 लाख रुपये फाइन, एमडी या एमएस करने वालों को सीट छोड़ने पर 5 लाख रुपये और सुपर स्पेशियलिटी कोर्स डीएम या एमसीएच के छात्रों को बीच में सीट छोड़ने पर 1 लाख रुपये फाइन जुर्माना देना हेता था. अब इस प्रावधान को योगी सरकार ने हटा दिया है. प्रदेश सरकार ने डायरेक्टर जनरल ऑफ मेडिकल एजुकेशन किंजल सिंह के इस प्रस्ताव पर अपनी स्वीकृति दे दी है जिससे अब छात्रों को ये जुर्माना नहीं देना पड़ेगा.
शर्त के साथ दी है रियायत
दरअसल, एनएमसी ने इस फाइन को खत्म किए जाने को लेकर सुझाव दिया था, इसी आधार पर डायरेक्टर जनरल ऑफ मेडिकल एजुकेशन ने प्रदेश सरकार को प्रस्ताव भेजा, जिसको मंजूर कर लिया गया है. लेकिन यह मंजूरी एक शर्त के साथ दी गई है कि अगर कोई छात्र कोर्स कंप्लीट करने से पहले सीट छोड़ता है तो उसे अगले एकेडमिक सेशन के एंट्रेंस प्रोसेस से डिबार कर दिया जाएगा यानी सीट छोड़ने के बाद अगले वर्ष वो नीट यूजी या पीजी का एग्जाम नहीं दे पाएगा.