UP News: यूपी में 69 हज़ार सहायक शिक्षकों की भर्ती मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. शीर्ष न्यायालय ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है. अदालत ने प्रदेश सरकार और दोनों पक्षों से कहा कि वो लिखित दलीलें जमा कराएं. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सुनवाई के दौरान कहा कि हाईकोर्ट का फैसला फिलहाल स्थगित रहेगा और अगली सुनवाई 25 सितंबर होगी. इसके साथ ही सीजेआई चंद्रचूड़ ने सभी संबंधित पक्षों को लिखित दलीलें पेश करने का आदेश दिया.
क्या कहा शीर्ष अदालत ने?
सीजेआई ने सरकार और दोनों संबंधित पक्षों को लिखित दलीलें पेश करने का निर्देश देते हुए कहा कि कोर्ट इस मामले पर अंतिम सुनवाई करेगा. वह इस मामले के कानूनी पहलुओं को परख कर आदेश देगा. कहा कि हाईकोर्ट के फैसले की स्टडी के लिए कोर्ट को समय चाहिए। ऐसे में तब तक इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला स्थगित रहेगा. सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों से कहा कि वह अधिकतम 7-7 पेज में अपनी लिखित दलीलें जमा करें. कोर्ट ने इसके लिए 2 नोडल एडवोकेट भी फिक्स किए. वहीं, मामले पर प्रदेश सरकार को भी जवाब दाखिल करने को कहा.
हाईकोर्ट ने क्या दिया था आदेश?
मालूम हो कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में जून 2020 और जनवरी 2022 के मेरिट लिस्ट को रद्द करते हुए राज्य सरकार को आदेश दिया था कि वो साल 2019 में हुए सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा के आधार पर 69000 शिक्षकों के लिए नए लिस्ट तीन महीने में जारी करें. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ये भी कहा था कि यदि कोई आरक्षित वर्ग का उम्मीदवार जनरल कैटेगरी के बराबर मेरिट पाता है तो उसका सिलेक्शन जनरल कैटगरी में ही माना जाना चाहिए. कोर्ट के इस आदेश के वजह से उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में नौकरी कर रहे शिक्षकों पर नौकरी खोने का खतरा मंडराने लगा था.
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