Income Tax slabs: 1 फरवरी को संसद में पेश किए गए बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) नियमों में बड़े बदलाव का ऐलान किया गया था. ऐसे में नया टीडीएस रूल 1 अप्रैल से लागू होगा, जिससे फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और रेकरिंग डिपॉजिट (RD ) करने वाले निवेशकों को बड़ी राहत मिलेगी.
दरअसल, वरिष्ठ नागरिकों को राहत देते हुए FD से आय पर टीडीएस कटौती की सीमा को दोगुना कर दिया गया है. वहीं, आम नागरिकों को भी राहत दी गई है.
इन लोगों को नहीं देना होगा टीडीएस
बता दें कि 1 अप्रैल से वरिष्ठ नागरिकों के लिए सावधि जमा (FD), आवर्ती जमा (RD), आदि से ब्याज आय पर टीडीएस कटौती तभी होगी, जब ब्याज आय एक वित्त वर्ष में 1 लाख रुपये से अधिक होगा. अर्थात यदि कोई वरिष्ठ नागरिक की ब्याज आय 1 लाख रुपये से कम होगी, तो उसे टीडीएस नहीं देना होगा.
आम लोगों को भी राहत
इसके अलावा आम नागरिको के लिए भी सरकार ने अप्रैल 2025 से प्रभावी ब्याज आय के लिए टीडीएस सीमा को 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया है. सरकार के इस कदम का मुख्य उद्देश्य जमाकर्ताओं पर कर का बोझ कम करना है, खास तौर पर उन लोगो लिए जो आय के प्राथमिक स्रोत के रूप में FD ब्याज पर निर्भर हैं.
संशोधित नियमों के मुताबिक, यदि किसी व्यक्ति की कुल वार्षिक ब्याज राशि 50,000 रुपये से अधिक है, तो बैंक टीडीएस काट लेगा. लेकिन कोई सामान्य नागरिक अपनी ब्याज आय को 50,000 रुपये की सीमा के भीतर रखता है, तो बैंक कोई टीडीएस नहीं काटेगा.
लॉटरी पर टीडीएस
कुल मिलाकर सरकार ने लॉटरी, क्रॉसवर्ड और घुड़दौड़ से जीत से संबंधित टीडीएस नियमों को सरल बना दिया है. बता दें कि इससे पहले, एक वर्ष में कुल जीत 10,000 रुपये से अधिक होने पर टीडीएस काटा जाता था, लेकिन अब टीडीएस केवल तभी काटा जाएगा जब एक लेनदेन 10,000 रुपये से अधिक होगा.
इसके अलावा, बजट 2025 में बीमा एजेंटों और दलालों को राहत प्रदान करते हुए विभिन्न कमीशन के लिए टीडीएस सीमा भी बढ़ा दी गई है. बीमा कमीशन के लिए टीडीएस सीमा 15,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये कर दी गई है, जो 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगी. म्यूचुअल फंड (एमएफ) या शेयरों में निवेश करने वालों को एमएफ यूनिट या विशिष्ट कंपनियों से अर्जित लाभांश और आय पर छूट सीमा 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया गया है.
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