RBI Governor : भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने स्टार्टअप पर जोर दिया। उनका कहना है कि पिछले कुछ सालों में भारत की युवा पीढ़ी की मानसिकता बदली नजर आ रही है। आर के समय में युवा बहुराष्ट्रीय कंपनियों में नौकरी की तलाश करने के बजाय उद्यमी बनना पसंद कर रहे हैं।
वॉशिंगटन डीसी में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और अमेरिका-भारत सामरिक भागीदारी मंच द्वारा आयोजित अमेरिका-भारत आर्थिक मंच में अपने शब्दों में गर्वनर संजय मल्होत्रा ने कहा कि जब मैंने कॉलेज छोड़ा तो एमएनसी में नौकरी करना मेरा पसंदीदा विकल्प था। किसी ने भी उन्हें खुद का उद्यम शुरू करने के बारे में राय नही दी।
उन्होंने बताया है कि उद्यमिता की बढ़ती जनसंख्या में भारत को एक मजबूत स्टार्ट-अप इकोसिस्टम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। देश में लगभग 150,000 मान्यता प्राप्त स्टार्ट-अप हैं, डिजिटल इंडिया और अटल इनोवेशन मिशन जैसी सरकारी पहलों का समर्थन प्राप्त है।
आरबीई गर्वनर का कहना है कि भारत में तीसरी सबसे बड़ी संख्या में यूनिकॉर्न हैं, जिनमें से कई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, फिनटेक और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे उच्च तकनीक क्षेत्रों से उभर रहे हैं।
उन्होंने अपनी खुशी बयान करते हुए कहा है कि भारत को तेजी से बढ़ता देख प्रतीत होता है कि नौकरी चाहने वाला कम नौकरी देने वालों का देश बनता जा रहा है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली को आधार से जोड़ने जैसी विभिन्न योजनाओं के डिजिटलीकरण से भारी बचत हुई है। राज्य सरकारों को समय पर धन मिलने से केंद्र सरकार को अपने नकदी प्रवाह को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने में भी मदद मिली है।
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