UP News: उत्तर प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में जल्द ही बड़े बदलाव के संकेत मिल सकते है. उत्तर प्रदेश सरकार अपर मुख्य सचिव से लेकर मंडलायुक्त और जिलाधिकारियों को बदले जाने का मुहिम चला रही है. ऐसे में कई नए चेहरों की एंट्री हो सकती है और कई अधिकारियों को नई जिम्मेदारी दी जा सकती है. प्रदेश में इस समय वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की कमी हो रही है. ऐसे में एक-एक अधिकारी इन दिनों कई-कई विभागों की जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं.
यूपी में उच्च अधिकारियों की हो रही कमी
यूपी के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह कुछ दिनों बाद रिटायर होने वाले है. ऐसे में चर्चा है कि उनको लेकर भी कई तरह की बातें हो रही है. कुछ लोगों का मानना है कि उनका कार्यकाल बढ़ाया जाए या उनकी जगह नए अधिकारी को जिम्मेदारी दी जाए. सत्ता के गलियारों में मुख्य सचिव पद के लिए कई नाम घूम रहे हैं. इनमें एसपी गोयल, देवेश चतुर्वेदी और दीपक कुमार जैसे नाम रेस में बने हुए हैं.
रिटायर होने के बाद भी सौपी गई जिम्मेदारी
कृषि उत्पादन आयुक्त के पद से मोनिका एस गर्ग के रिटायर होने के बाद दीपक कुमार को ये जिम्मेदारी सौपी गई है. उनके पास पहले से ही अपर मुख्य सचिव वित्त का पदभार है. यूपी में लगातार उच्च अधिकारियों की कमी हुए है. इसके साथ ही वो माध्यमिक शिक्षा और बेसिक शिक्षा विभाग को भी देख रहे हैं. 1990 आईएस बैच के अधिकारी जितेंद्र कुमार भी 30 जून को रिटायर हो रहे हैं. वो अपर मुख्य सचिव यूपी सरकार पुनर्गठन समन्वय, भाषा, राष्ट्रीय एकीकरण और निदेशक हिन्दी संस्थान का प्रभार भी संभाल रहे हैं.
केंद्र सरकार को जल्द ही पत्र भेजने की तैयारी
जितेंद्र कुमार के रिटायर होने के बाद इन विभागों में स्थायी तैनाती दी जा सकती है, नहीं तो किसी अधिकारी को इन विभागों को अतिरिक्त प्रभार भी दिया जा सकता है. बताया जा रहा है कि यूपी में मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारियों को लेकर मंथन का दौर शुरू हो गया. शासन में बैठे कुछ अधिकारियों को मंडलों में भेजा जा सकता है. हालांकि चर्चा है कि मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के कार्यकाल को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार को जल्द ही पत्र भेजने की तैयारी की जा रही है.
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