Up news: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगामी त्योहारों मोहर्रम, कांवड़ यात्रा और रथयात्रा के चलते कानून व्यवस्थाओं को बनाए रखने के लिए अधिकारियों के साथ अहम बैठक की. ताकि इन त्योहारों में कानून व्यवस्था बनी रहे और किसी भी तरह का कोई भी विवाद सामने न आए.
बैठक में राज्यभर के सभी पुलिस आयुक्तों, संभागीय आयुक्तों, जिलाधिकारियों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों के साथ व्यापक चर्चा की गई. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी धार्मिक आयोजन श्रद्धा, सुरक्षा और सामाजिक सद्भाव के साथ आयोजित किए जाएं तथा प्रशासनिक तंत्र पूरी संवेदनशीलता और सतर्कता के साथ काम करे.
सीएम ने जारी किए सख्त निर्देश
एक बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 11 जुलाई से नौ अगस्त तक पवित्र श्रावण मास रहेगा जिसके दौरान कांवड़ यात्रा, श्रावण शिवरात्रि, नागपंचमी और रक्षाबंधन जैसे पर्व मनाए जाएंगे और इसी अवधि में 27 जून से आठ जुलाई तक जगन्नाथ रथ यात्रा तथा 27 जून से छह-सात जुलाई तक मुहर्रम के आयोजन संभावित हैं. मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया, ‘‘यह अवधि प्रदेश की कानून-व्यवस्था, चिकित्सा, स्वच्छता, शिक्षा और आपदा प्रबंधन के लिहाज से अत्यंत संवेदनशील है. अतः सभी संबंधित विभाग और जिला प्रशासन समन्वय के साथ जिम्मेदारीपूर्वक कार्य करें.’’
कांवड़ यात्रा को लेकर निर्देश
इसी के साथ सीएम ने कांवड़ यात्रा को लेकर निर्देश दिए हैं. सीएम ने कहा, कांवड़ यात्रा के जो भी मार्ग हैं, जहां से भी श्रद्धालु कांवड़ लेकर गुजरेंगे वहां पर खुले में मांस की बिक्री नहीं होगी. सीएम ने कहा, पुलिस स्टेशनों, सर्किलों और चौकियों के स्तर पर, स्थानीय प्रशासन को कांवड़ संघों के साथ लगातार बातचीत में रहना चाहिए और सभी व्यवस्थाओं का पूर्व आकलन करना चाहिए. हालांकि, भक्तों की धार्मिक भावनाएं काफी अहम हैं, लेकिन किसी भी शरारती तत्व को कोई मौका नहीं दिया जाना चाहिए. साथ ही सीएम ने कहा कि कांवड़ रूट पर साफ-सफाई, स्वच्छता, स्ट्रीट लाइटिंग, पेयजल, शौचालय और बुनियादी मेडिकल सुविधाएं सुनिश्चित की जानी चाहिए.
मोहर्रम को लेकर दिशा निर्देश
इसी के साथ मुख्यमंत्री ने कहा, मोहर्रम जुलूसों में सुरक्षा और संवाद की प्राथमिकता होनी चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि डीजे, ताजिया और रथ की ऊंचाई निर्धारित मानकों से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. डीजे और ढोल-ताशों की आवाज की सीमा भी निर्धारित की जाएगी. उन्होंने साफ किया कि किसी शोभायात्रा या जुलूस के लिए पेड़ काटना या गरीबों का आश्रय हटाना भी बिल्कुल स्वीकार नहीं होगा.
मुहर्रम के आयोजनों के लिए भी मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए, ‘‘विगत वर्षों में हुई दुर्घटनाओं से सबक लेते हुए इस वर्ष सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं. शांति समिति एवं आयोजन समितियों से संवाद कर कार्यक्रमों को परंपरागत मार्गों पर शांतिपूर्वक संपन्न कराया जाए.’’ मुख्यमंत्री ने प्रशासन को यह भी निर्देश दिया कि कार्रवाई के लिए शासन से आदेश की प्रतीक्षा कतई न करें, तत्परता से और कानूनसम्मत कार्रवाई करें.
भड़काऊ नारे लगाने और हथियार लहराने पर रोक
कांवड़ यात्रा के शांतिपूर्ण और गरिमामय आयोजन को लेकर मुख्यमंत्री ने विशेष निर्देश दिए. उन्होंने कहा, ‘‘यह यात्रा आस्था, अनुशासन और उल्लास का प्रतीक है. उत्तराखंड सीमा से सटे जनपदों सहित गाजियाबाद, मेरठ, बरेली, अयोध्या, प्रयागराज, काशी, बाराबंकी और बस्ती जैसे जिले विशेष सतर्कता बरतें.
सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रखी जानी चाहिए और जहां भी जरूरत हो, ड्रोन निगरानी सुनिश्चित की जानी चाहिए. फर्जी खबरों और अफवाहों से बचने के लिए फौरन ऐसी खबरों का खंडन किया जाना चाहिए और सटीक जानकारी शेयर की जानी चाहिए.
सभी जनपदों को सतर्क रहने का निर्देश
उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि किसी शोभायात्रा के लिए पेड़ काटना, झुग्गियां हटाना या गरीबों का आश्रय उजाड़ना कदापि स्वीकार्य नहीं होगा. मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि धार्मिक यात्राओं में अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन और धार्मिक प्रतीकों का राजनीतिक उपयोग सौहार्द को खंडित करने वाले तत्व हैं, जिन पर पूरी सख्ती से रोक लगनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘सोशल मीडिया की सघन निगरानी हो और आवश्यकता पड़ने पर ड्रोन के माध्यम से निगरानी सुनिश्चित की जाए.’’
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