Balia : प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने अपने विभाग भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण से बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों के लिए नि:शुल्क जहाज मुहैया कराया है. यह सेवा नौरंगा से दुबेछपरा के बीच शुरू की गई है जो बाढ़ प्रभावित आधा दर्जन से अधिक गांवों के लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है. यह जलपोत सुबह नौ बजे नौरंगा से दुबेछपरा के लिए चलता है और इधर से शाम को चार बजे फिर लोगों को लेकर वापस लौटता है. करीब 65 मीटर लंबे व 30 चौड़े इस जलपोत में बाइक, साईकिल आदि सामान के साथ एक बार में तो तीन सौ लोगों के बैठने की व्यवस्था है. ऐसे में जहाज पर प्रतिदिन करीब दो सौ लोग आने-जाने का काम कर रहे हैं. नौरंगा से जब सुबह जलपोत खुलता है तो इस पर पुरवा, भगवानपुर, नौरंगा, भुआलछपरा, उदयछपरा आदि गांवों के लोग बैरिया तहसील, कोटवां ब्लॉक, थाना व चिकित्सा आदि के जरुरतमंद बाइक व अन्य सामान के साथ बड़े आराम से चले आ रहे हैं. जहाज दुबेछपरा में दस बजे तक पहुंचता है और इधर फिर शाम को चार बजे इन्हें लेकर वापस लौटता है. ऐसे में लोग बिना किसी शुल्क लगे खूब आराम से सुरक्षित यात्रा कर रहे जिसे लेकर उनमें काफी खुशी व उत्साह है. इस तरह के जलपोत खासतौर पर समुद्री व बड़े झील आदि जगहों में ही चलते हैं जिससे लोग यहां इसका जमकर लुत्फ उठा रहे हैं. लोगों का कहना है कि पहले लकड़ी के नाव से आने जाने में सौ रुपए लगते थे और डर अलग बना रहता था लेकिन प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के इस पहल से अब बिना किसी शुल्क व भय के खूब आराम से आवागमन हो रहा है. जलमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि यह सेवा नवंबर में पीपा पुल के लगने तक अनवरत जारी रहेगा. जिले में शनिवार की शाम को पहुंचे प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों संग डाक-बंगले में बैठक कर इस व्यवस्था का ब्यौरा लिया. इसमें परिवहन मंत्री ने प्राधिकरण के निदेशक संजीव कुमार, जलीय सर्वेक्षक अशोक कुमार व सामाजिक अधिकारी अभिषेक उपाध्याय से जलमार्ग के विकास को लेकर चर्चा किया. साथ ही परिवहन मंत्री ने जलपोत की यह सेवा माल्देपुर में भी पीपा पुल चालू होने तक शुरू करने के निर्देश दिए. अधिकारियों ने इसे जल्द शुरू करने का आश्वासन दिया. इस बीच रविवार की सुबह डाक-बंगले पर पहुंचे नौरंगा के पूर्व प्रधान राजमंगल ठाकुर ने इस सेवा के लिए मंत्री को साधुवाद देने के साथ ही अंगवस्त्रम से सम्मानित किया.