H3N2: दिल्ली-एनसीआर समेत कई राज्यों में इस वक्त H3N2 इंफ्लुएंजा वायरस का कहर देखने को मिल रहा है. बड़ी संख्या में लोग इस वायरस से संक्रमित हो रहे हैं. इसकी चपेट में आने पर लोगों को जुकाम, बुखार, खांसी, गले में खराश और अत्यधिक थकान जैसे लक्षण नजर आ रहे हैं. यूपी के कई जिलों में भी इसका खूब कहर देखने को मिल रहा है. डॉक्टर्स की मानें तो यह एक वायरल फ्लू है, जो मानसून के बाद तेजी से फैलता है. हालांकि यह वायरस आमतौर पर गंभीर नहीं होता, लेकिन जब यह लोगों में तेजी से फैलता है, तो यह स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा बन सकता है.
एच3एन2 वायरस क्या है?-
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन पर छपी रिपोर्ट बताती है कि H3N2 वायरस, इन्फ्लूएंजा ए वायरस का एक प्रकार है, जो मौसमी फ्लू के रूप में फैलता है. यह वायरस आमतौर पर सर्दियों के मौसम में ज्यादा एक्टिव होता है. H3N2 वायरस संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से हवा में फैलता है और आसपास के लोगों को संक्रमित कर सकता है.
H3N2 वायरस के लक्षण-
- अचानक तेज बुखार
- ठंड लगना
- गले में खराश
- लगातार खांसी
- सिरदर्द और गंभीर थकान
- नाक बंद होना और शरीर में दर्द भी आम है.
किन लोगों में है ज्यादा खतरा?
- बुजुर्ग (65 वर्ष और उससे ज्यादा उम्र के लोग)- उम्र के साथ इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, जिससे शरीर इन्फेक्शन से ठीक से लड़ नहीं पाता है.
- छोटे बच्चे (खासकर 5 साल से कम उम्र के)- छोटे बच्चों की इम्युनिटी अभी पूरी तरह से विकसित नहीं होती, जिससे वे इन्फेक्शन का आसानी से शिकार हो जाते हैं.
- प्रेग्नेंट महिलाएं- प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में होने वाले बदलाव, हार्मोनल बदलाव और इम्यून सिस्टम पर पड़ने वाले दबाव के कारण इन्फेक्शन का रिस्क ज्यादा रहता है.
- क्रॉनिक हेल्थ कंडीशन से पीड़ित- अस्थमा, सीओपीडी जैसी सांस की बीमारी वाले मरीज, डायबिटीज से पीड़ित लोग, दिल की बीमारी, जैसे कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर वाले लोग, क्रॉनिक किडनी या लिवर की बीमारी वाले मरीजों में इन्फेक्शन का रिस्क ज्यादा रहता है. साथ ही, कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों में भी इसका जोखिम ज्यादा होता है.
- मोटापे से ग्रस्त लोग- मोटापा रेस्पिरेटरी सिस्टम पर दबाव डालता है और इम्यून सिस्टम को भी प्रभावित कर सकता है.
H3N2 वायरस से बचाव का तरीका
मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है
डॉ. विवेक नांगिया का कहना है कि इस समय मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग ही सबसे बड़ा हथियार है. भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें और अगर जाना ही पड़े तो मास्क पहनकर जाएं. इससे संक्रमण का खतरा काफी कम हो जाता है.
हाथों की सफाई रखना
H3N2 वायरस हाथों के जरिए शरीर में प्रवेश कर सकता है. इसलिए दिन में कई बार hand wash करना बेहद जरूरी है. खासकर बाहर से घर आने पर और खाने से पहले हाथों को अच्छे से साफ करें.
आहार और इम्यूनिटी का ध्यान रखें
वायरस से बचने के लिए मजबूत इम्यून सिस्टम होना सबसे जरूरी है. अपने भोजन में विटामिन C और प्रोटीन से भरपूर चीजें शामिल करें. जैसे नींबू, संतरा, गाजर, अदरक और हल्दी दूध का सेवन करें. हरी सब्जियां और मौसमी फल रोजाना खाने से शरीर में संक्रमण से लड़ने की ताकत बढ़ती है.
पर्याप्त नींद और आराम लें
कम नींद और थकान शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देती है. इसलिए रोज कम से कम 7 घंटे की नींद जरूर लें. तनाव को कम करने के लिए योग और मेडिटेशन करें. यह न सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा है बल्कि शरीर को भी मजबूत बनाता है.
बच्चों और बुजुर्गों का रखें खास ख्याल
H3N2 वायरस का सबसे ज्यादा असर बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ रहा है. इसलिए उनके खान-पान और स्वच्छता पर ध्यान देना जरूरी है. उन्हें भीड़भाड़ से दूर रखें और किसी भी लक्षण जैसे खांसी, बुखार या सांस लेने में दिक्कत को हल्के में न लें. समय पर डॉक्टर से संपर्क करें.
डॉक्टर की सलाह को नजरअंदाज न करें
अगर लगातार बुखार, तेज खांसी, गले में खराश या सांस लेने में परेशानी हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. क्योंकि सही दवा से स्थिति बिगड़ने से बचाई जा सकती है.
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