Health tips: ब्रेन स्ट्रोक एक गंभीर चिकित्सीय स्थिति है जिसके उपचार न किए जाने पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं. इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 185,000 स्ट्रोक होते हैं, जिनमें हर 40 सेकंड में एक स्ट्रोक और हर 4 मिनट में स्ट्रोक से संबंधित एक मौत होती है. यही कारण है कि समय पर चिकित्सा हस्तक्षेप और बेहतर परिणामों के लिए ब्रेन स्ट्रोक के शुरुआती लक्षणों को पहचानना बेहद ज़रूरी है.
ब्रेन स्ट्रोक क्या है?
ब्रेन स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क के किसी हिस्से में रक्त की आपूर्ति बाधित हो जाती है या काफ़ी कम हो जाती है, जिससे मस्तिष्क के ऊतकों को ज़रूरी पोषक तत्व और ऑक्सीजन नहीं मिल पाती. इस रुकावट के कारण कुछ ही मिनटों में मस्तिष्क की कोशिकाएँ मर सकती हैं. मस्तिष्क स्ट्रोक मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं: रक्तस्रावी, इस्केमिक, और क्षणिक इस्केमिक अटैक.
हेल्दी फूड और ड्रिंक्स चुनें
स्ट्रोक से बचने के लिए हार्ट फ्रेंडली हेल्दी डाइट लेनी चाहिए. इससे ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल लेवल, डायबिटीज और वेट कंट्रोल में रहते हैं. कोशिश करें कि खाने में ज्यादा-से-ज्यादा सब्जियां, फल और बीन्स हों. ड्रिंक्स में नींबू पानी, नारियल पानी अच्छे विकल्प हो सकते हैं.
वेट कंट्रोल में रखें
हार्ट अटैक और स्ट्रोक के लिए मोटापा सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर है. इसलिए वेट कंट्रोल में रखें. इसके लिए हेल्दी और बैलेंस्ड डाइट लें. फिजिकल एक्टिविटीज करें और रोजाना 7 घंटे की क्वालिटी नींद जरूर लें.
नियमित फिजिकल एक्टिविटी करें
फिजिकल एक्टिविटी न करना भी स्ट्रोक के सबसे बड़े रिस्क फैक्टर्स में से एक है. प्रतिदिन कम-से-कम 45 मिनट हल्की-फुल्की एक्सरसाइज जरूर करें. इससे कार्डियोवस्कुलर हेल्थ और ब्रेन हेल्थ, दोनों में सुधार होता है. स्ट्रेस का लेवल भी कम होता है.
शराब और सिगरेट का सेवन न करें
स्मोकिंग से स्ट्रोक का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है. ज्यादा शराब पीने से हमारा ब्लड प्रेशर तेजी से बढ़ सकता है. अगर कोई शराब के साथ सिगरेट पी रहा है तो स्ट्रोक का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है. शराब और सिगरेट के सेवन से स्ट्रोक के लिए ‘आ बैल मुझे मार’ वाली स्थिति बन सकती है.
मेडिकल कंडीशंस को कंट्रोल करें
अगर कोई हार्ट डिजीज है तो डॉक्टर से बात करके इसे कंट्रोल करें. किसी भी तरह की कार्डियोवस्कुलर डिजीज स्ट्रोक के लिए बड़ा रिस्क फैक्टर हो सकती है. बेहतर है कि इसे पहले ही कंट्रोल में रखा जाए.
कोलेस्ट्रॉल लेवल चेक करवाते रहें
हाई कोलेस्ट्रॉल स्ट्रोक के लिए बड़ा रिस्क फैक्टर है. अगर कोलेस्ट्रॉल लेवल पहले से बढ़ा हुआ है और इसके साथ स्ट्रेस भी बढ़ जाए तो स्ट्रोक का जोखिम भी बढ़ जाता है. इसलिए समय-समय पर कोलेस्ट्रॉल लेवल चेक करवाते रहें. हर साल एक बार फुल बॉडी चेकअप जरूर करवाएं.
ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रखें
हाई ब्लड प्रेशर हार्ट अटैक की बड़ी वजह है. अगर इसे कंट्रोल नहीं किया गया तो स्ट्रोक का खतरा दोगुना या कई बार चार गुना तक हो सकता है. अगर ब्लड प्रेशर हाई है तो इसे मॉनिटर करना और ट्रीटमेंट करवाना बेहद जरूरी है.
डायबिटीज कंट्रोल में रखें
अगर किसी को डायबिटीज की शिकायत है तो स्ट्रोक का रिस्क बढ़ जाता है. इसके लिए जरूरी है कि रेगुलर ब्लड शुगर लेवल चेक करवाते रहें. इसे कंट्रोल करने के लिए डॉक्टर कुछ दवाएं खाने की सलाह दे सकते हैं. इसके अलावा लाइफस्टाइल और खानपान में जरूरी सुधार करें. नियमित 7 घंटे की नींद जरूर लें.
अपनी दवाएं समय पर लेते रहें
अगर किसी लाइफस्टाइल डिजीज, हार्ट डिजीज या किसी अन्य मेडिकल कंडीशन का इलाज चल रहा है तो रेगुलर दवाएं खाते रहें. इससे बीमारी कंट्रोल में रहेगी और स्ट्रोक का जोखिम भी कम होगा.
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