Delhi: दिल्ली में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर से बीमारियां तेजी से फैल रही हैं. जहां सुबह के वक्त पार्कों में चहल पहल देखी जाती थी लोग कसरत करते हुए दिखाई देते थे विशेष कर पार्कों में बुजुर्ग बड़ी संख्या में सुबह के वक्त टहलने आते थे लेकिन दिल्ली एनसीआर में जब से एयर क्वालिटी इंडेक्स में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी हुई है तब से पार्कों में लोगों की संख्या काफी कम हो गई है. प्रदूषण की वजह से से OPD मरीजों खचाखच भरी हुई है. सांस की बीमारियों में 22-25 फीसदी का इजाफा हुआ है.
मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली के करीब 70 प्रतिशत घरों में कम से कम एक व्यक्ति खांसी, जुकाम या बुखार से पीड़ित है. अस्पतालों की ओपीडी में सांस से जुड़ी बीमारियों के मरीजों की संख्या पिछले 15 दिनों में 40 प्रतिशत तक बढ़ गई है. राजधानी इस समय प्रदूषण और मौसमी संक्रमण की दोहरी मार झेल रही है, जिससे न सिर्फ फेफड़े बल्कि दिल और प्रतिरक्षा तंत्र पर भी असर पड़ रहा है. खुली हवा में ज्यादा वक्त बीतने पर लोगों को आंखों में जलन का एहसास होता है. आंखों को बार-बार धोने के बावजूद भी लंबे समय तक आंखों में जलन बनी रहती है.
सुबह 8 बजे शहर का कुल AQI 271 दर्ज किया गया
इस बीच, दिल्ली की हवा की गुणवत्ता गुरुवार सुबह और खराब हो गई. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, सुबह 8 बजे शहर का कुल AQI 271 दर्ज किया गया. तुलना करें तो 5 नवंबर को दोपहर 4 बजे AQI 202 था. हालांकि हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में ही है, लेकिन शहर के कई इलाकों पर असर पड़ा है. CPCB डेटा के मुताबिक, बुरारी क्रॉसिंग में AQI 280 रहा. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के अनुसार, द्वारका सेक्टर-8 में AQI 296 था. ITO में AQI 295 रहा, जो खराब श्रेणी में है. बुधवार सुबह 9 बजे ITO में AQI 274 था. नरेला में ‘बहुत खराब’ AQI 302 दर्ज हुआ. बवाना में भी यही हाल रहा, जहां हवा की गुणवत्ता 337 पर बहुत खराब श्रेणी में रही. वहीं, दिलशाद गार्डन में AQI 183 रहा, जो मध्यम श्रेणी में आता है.
इन गतिविधियों से बचें
दिल्ली की हवा खराब होने पर डॉ. भालोत्रा ने लोगों को बाहर खेलकूद और शारीरिक गतिविधियों से बचने की सलाह दी. उन्होंने सरकार से हाइब्रिड वर्क का विकल्प लाने की अपील की. डॉ. भालोत्रा ने कहा, ‘बाहर कोई भी गेम न खेलें. जॉगिंग या कोई मेहनत वाला शारीरिक काम न करें. बुजुर्गों से कहता हूं कि सुबह जल्दी घर से बाहर न निकलें और मॉर्निंग वॉक न करें. सूरज निकलने के बाद मास्क लगाकर टहल सकते हैं. सरकार को हाइब्रिड विकल्प लाना चाहिए. वाहनों से होने वाला प्रदूषण और पार्टिकुलेट मैटर ज्यादा है. हाइब्रिड एक अच्छा तरीका है.’
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