Tulsi Puja Niyam: रविवार को क्‍यों तुलसी में जल देने की होती है मनाही, आखिर क्‍या है इसका कारण?

Tulsi Puja Rules: सनातन धर्म में तुलसी को पूजनीय और पवित्र माना जाता है. कहा जाता है कि जिस घर में हर रोज तुलसी माता की पूजा की जाती है वहां सदैव सुख, शांति और खुशहाली बनी रहती है. वहीं, शाम के समय तुलसी के नीचे दीया जलाने से घर में मां लक्ष्मी का वास रहता है. लेकिन सप्ताह में रविवार के दिन तुलसी में जल देने की मनाही होती है. ऐसे में चलिए जानते है कि आखिर क्‍यों रविवार के दिन तुलसी को जल अर्पित नहीं करना चाहिए.

रविवार को तुलसी में जल क्यों नहीं चढ़ाना चाहिए

शास्‍त्रों के मुताबिक, रविवार और एकादशी के दिन तुलसी में जल नहीं चढ़ाया जाता है. कहा जाता है कि एकादशी और रविवार के दिन तुलसी माता भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. यही वजह है कि इन दो दिनों को तुलसी में जन अर्पित करने की मनाही होती है, क्‍योंकि जल अर्पित करने से तुलसी माता का व्रत खंडित हो सकता है.

वहीं, यदि आपने भूलवश रविवार के दिन तुलसी में जल चढ़ा दिया है तो अनजाने में हुई गलती के लिए हाथ जोड़कर तुलसी माता से माफी मांग लें. हालांकि एकादशी के दिन तुलसी को स्पर्श करने की भी मनाही होती है. इस दिन तुलसी पत्ता तोड़ना पाप के समान माना गया है.

तुलसी पूजा के नियम

हिंदू शास्‍त्रों के मुताबिक, तुलसी में सदैव सूर्योदय के समय जल देना चाहिए. क्‍योंकि यह समय सबसे अच्छा और फलदायी माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं की मानें तो सूर्योदय के समय तुलसी में जल देने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. कहा जाता है कि यदि घर में धन आदि से जुड़ी दिक्कतें हैं, तो तुलसी को जल अर्पित करने से दूर हो जाती हैं.

लेकिन ध्‍यान दें कि तुलसी को भूलकर भी घर के दक्षिण दिशा में नहीं रखना चाहिए. कहते हैं कि इस दिशा में तुलसी रखने से नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. बता दें कि तुलसी रखने के लिए सबसे सही दिशा उत्तर, पूर्व यानी ईशान कोण माना जाता है. 

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