Ram Mandir in ayodhya: रामलला के दर्शनों का सदियों का इंतजार आखिरकार समाप्त हो ही गया. प्राण प्रतिष्ठा के बाद जैसे ही भक्तों ने रामलला की पहली छवि देखी तो ऐसी खुशी हुई कि कई लोगों के आंखों आंसू छलक पड़े. प्राण प्रतिष्ठा के दौरान हर तरफ राम नाम की गूंज सुनाई पड़ रही थी. अयोध्या के इस समारोह का दिन इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया.
बालकांड रामचरितमानस में रामलला का जैसा वर्णन किया गया है, वैसी ही रामलला का विग्रह सुशोभित हो रहा है. श्री रामलला के चरणों में वज्र, ध्वजा और अंकुश के चिन्ह शोभित हैं. रामलला की विशाल भुजाएं आभूषणों से सुशोभित हैं. इसके अलावा छाती पर रत्नों से युक्त मणियों के हार की शोभा है.
Ram Mandir in ayodhya : 500 साल का संघर्ष
आपको बता दें कि करीब 500 साल के लंबे संघर्ष के बाद राम मंदिर बनकर तैयार हुआ. दरअसल, 1526 में जब बाबर भारत में आया उसके कुछ समय बाद ही उसने राम मंदिर को तोड़ने का आदेश जारी कर दिया था और साल 1528 में मीर बाकी ने उस मंदिर को तोड़ दिया जिसे हिंदू भगवान राम की जन्मस्थली मानकर पूजते थे. इसके बाद बाबर ने इस जगह पर बाबरी मस्जिद का निर्माण करवा दिया.
इसके बाद अब जाकर सड़के से कोर्ट तक के करीब 500 साल के लंबे संघर्ष के बाद राम मंदिर के बनने का रास्ता साफ हुआ. इसके बाद इतना बड़ा मंदिर बनकर तैयार हुआ है जिसे देखने के लिए दुनियाभर से राम भक्त अयोध्या आने को लालायित हैं. बता दें कि राम मंदिर को सरयू नदी के किनारे बनाया गया है. इस मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के समय नरेद्र मोदी समेत कई दिग्गज नेता, अभिनेता, और खिलाड़ी मौजूद रहें. (Ram Mandir in ayodhya)
Ram Mandir in ayodhya : कितना लंबा और चौड़ा
बता दें कि अयोध्या के राम मंदिर में कुल 392 स्तंभ हैं. तीन मंजिला इस मंदिर में करीब 44 दरवाजे हैं. प्रत्येक मंजिल की उंचाई 20 फीट है. राम मंदिर को पारंपरिक नागर शैली में बनाया गया है. वहीं, पूर्व से पश्चिम तक मंदिर की लंबाई 380 फीट और चौड़ाई 250 फीट है. हालांकि मंदिर की कुल ऊंचाई 161 फीट है.
Ram Mandir in ayodhya : सिंह द्वार से 32 सीढ़ियां
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, मुख्य गर्भगृह में भगवान श्री राम का बचपन का स्वरूप (श्री राम लल्ला की मूर्ति) है, वहीं, श्री राम दरबार पहली मंजिल पर होगा. पांच मंडप (हॉल)-नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना और कीर्तन मंडप है. इसके अलावा सभी खंभों और दीवारों पर देवी-देवताओं की मूर्तियां सुशोभित हैं. वहीं, मंदिर में प्रवेश पूर्व दिशा से होगा. इसके लिए सिंह द्वार से 32 सीढ़ियां चढ़नी होंगी.
Ram Mandir in ayodhya : चारों कोनों पर चार मंदिर
वहीं दिव्यांगों और बुजुर्गों की सुविधा के लिए रैंप और लिफ्ट आदि की भी व्यवस्था की गई है. इसके अलावा, मंदिर के चारों ओर 732 मीटर लंबी और 14 फीट चौड़ी परकोटा (आयताकार मिश्रित दीवार) है. मंदिर परिसर के चारों कोनों पर अन्य चार मंदिर हैं जो भगवान सूर्य देव, देवी भगवती, गणेश भगवान और भगवान शिव को समर्पित. उत्तरी भुजा में मां अन्नपूर्णा का मंदिर है और दक्षिणी भुजा में भगवान हनुमान जी का मंदिर है.
Ram Mandir in ayodhya : किसने बनाई रामलला की प्रतिमा
राम मंदिर में विराजमान रामलला की मूर्ति को मैसूर स्थित मूर्तिकार अरुण योगीराज ने तैयार किया है. बता दें कि इस मूर्ति को काले पत्थर से 5 साल के बच्चे के रूप में बनाई है, जिसकी ऊंचाई करीब 51 इंच और वजन 150 किलोग्राम है. वहीं, जमीन से इस मूर्ति की ऊचाई लगभग 7 फीट मापी गई है. इस मूर्ति को वैदिक मंत्रोचार के बीच गर्भ गृह में रखा गया था.
Ram Mandir in ayodhya : राम मंदिर में विराजित रामलला की प्रतिमा
इस मूर्ति को अपनी जगह पर स्थापित करने में करीब 4 घंटे का समय लगा था. इसके साथ ही मूर्ति का गंधादिवास शुरू हो गया. इस दौरान रामलला की इस प्रतिमा को सुगंधित जल, घी, फल और अनाज में रखा गया. रामलला की प्रतिमा के उपरी सिरे पर चक्र, स्वास्तिक, गणेश जी, ओम, गदा, शंख, बनाया गया है, वहीं मूर्ति के एक ओर वामन, नरसिंह, वराह, कुर्म, मत्स्य जबकि दूसरी ओर परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध, कलिक के रूपों को विराजमान किया गया है और मूर्ति में नीचे एक ओर हनुमान जी और दूसरी ओर गरूण विराजमान है.
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