RBI on Inflation: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति अनुमान को पहले के 4.2 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत कर दिया. बैंक ने यह कदम बेहतर कृषि उत्पादन और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट को ध्यान में रखकर उठाया है.
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित हेडलाइन खुदरा मंगाई दर जनवरी-फरवरी 2025 के दौरान 1.6 प्रतिशत अंक घटकर दिसंबर 2024 के 5.2 प्रतिशत से फरवरी 2025 में 3.6 प्रतिशत के निचले स्तर पर आ गई. वहीं, सब्जियों की कीमतों में मौसमी सुधार के वजह से फरवरी में खाद्य मुद्रास्फीति 21 महीने के निम्नतम स्तर 3.8 प्रतिशत पर आ गई.
सब्जियों के कीमतों में आया सुधार
दरअसल, वित्त वर्ष 2025-25 की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति की दर निर्णायक रूप से सकारात्मक सकारात्मक दायरे में है. मौसम बेहतर रहने के कारण सब्जियों की कीमतों में पर्याप्त सुधार हुआ है.
वैश्विक अनिश्चितताओं से पैदा होने वाले खतरों पर आरबीआई सतर्क
उन्होंने कहा कि “मुद्रास्फीति के मोर्चे पर, हालांकि खाद्य मुद्रास्फीति में अपेक्षा से अधिक गिरावट ने हमें राहत और आत्मविश्वास दिया है, फिर भी हम वैश्विक अनिश्चितताओं और मौसम संबंधी गड़बड़ियों से उत्पन्न संभावित खतरों के प्रति सतर्क बने हुए हैं. इसके अलावा, रबी फसलों से जुड़ी अनिश्चितताएं काफी कम हो गई हैं. साथ ही अग्रिम अनुमानों के मुताबिक, पिछले वर्ष की तुलना में गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर होगा और प्रमुख दालों का उत्पादन भी अधिक होगा.
कच्चे तेल की कीमतों में आ सकती है गिरावट
गवर्नर ने कहा कि खरीफ की मजबूत आवक के साथ-साथ, इससे खाद्य मुद्रास्फीति में स्थायी नरमी आने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि 3 महीने और 1 वर्ष की अवधि के लिए मुद्रास्फीति की उम्मीदों में तीव्र गिरावट से आगे चलकर मुद्रास्फीति की उम्मीदों को स्थिर रखने में मदद मिलेगी. इसके अलावा, मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने अपने 2025-26 के संकल्प में कहा है कि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट महंगाई को कम करने की दिशा में अहम साबित होगी.
मुद्रास्फीति बढ़ने का खतरा
वहीं, वैश्विक बाजार में अनिश्चितताएं बनी रहने और प्रतिकूल मौसम संबंधी आपूर्ति व्यवधानों के फिर से पैदा होने की आशंका है, जिससे मुद्रास्फीति बढ़ने का खतरा पैदा हो सकता है. हालांकि इस दौरान आरबीआई गवर्नर ने सामान्य मानसून रहने की उम्मीद जताते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए खुदरा महंगाई दर 4 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
दरअसल, महंगाई दर पहली तिमाही में 3.6 प्रतिशत, दूसरी तिमाही 3.9 प्रतिशत, तीसरी तिमाही 3.8 प्रतिशत और चौथी तिमाही 4.4 प्रतिशत होगी. जोखिम समान रूप से संतुलित हैं. इस बीच, सरकार अगले हफ्ते खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी करेगी.
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