Delhi News: भारतीय रिजर्व बैंक ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया पर 84.50 लाख का जुर्माना लगाया है। वहीं, आरबीआई ने कहा कि जुर्माना नियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक की ओर से अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल उठाना नहीं है।
मिली जानकारी के मुताबिक आरबीआई ने शुक्रवार को कहा कि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने धोखाधड़ी वर्गीकरण और रिपोर्टिंग से संबंधित मानदंडों के कुछ प्रावधानों का पालन नहीं किया है जिसके लिए इस बैंक पर 84.50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने 31 मार्च, 2021 तक बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में बैंक के पर्यवेक्षी मूल्यांकन के तहत रिपोर्टों का निरीक्षण किया था। जिससे पता चला कि सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक संयुक्त ऋणदाता फोरम की ओर से खातों को धोखाधड़ी घोषित करने के फैसले के सात दिनों के भीतर आरबीआई को धोखाधड़ी के रूप में रिपोर्ट करने में विफल रहा था। इसने अपने ग्राहकों से एसएमएस अलर्ट शुल्क वास्तविक उपयोग के आधार के बजाय फ्लैट आधार पर वसूला था।
आरबीआई ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को नोटिस जारी कर कारण बताने को कहा था कि निर्देशों का पालन करने में विफल रहा है। केंद्रीय बैंक ने कहा,’नोटिस पर बैंक के जवाब और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान मौखिक दलीलों पर विचार करने के बाद आरबीआई ने निर्णय लिया है कि आरबीआई के निर्देशों का पालन नहीं करने के आरोप की पुष्टि होती है और मौद्रिक जुर्माना लगाया जाना जरूरी है।