प्रयागराज। नई शिक्षा नीति के तहत वर्ष 2030 तक विवि में पचास फीसदी छात्रों को पहंचाने का लक्ष्य रखा गया है। यह तभी संभव है जब आंगनबाड़ी केंद्रों व प्राथमिक विद्यालयों में सौ फीसदी उपस्थित सुनिश्चित हो सके। अधिकारियों और शिक्षण संस्थानों को आंगनबाड़ी केद्रों को गोद लेना चाहिए। एक आंगनबाड़ी केंद्र में सुविधाओं के लिए चालीस से पचार हजार रूपये का खर्च आता है, जिसे संस्थान वहन कर सकते है। यदि एक संस्थान न वहन कर सके तो दो संस्थान मिलकर इस कार्य को कर सकते है। यह बातें राज्यपाल आनंद बेन पटेल ने रविवार को प्रो. राजेंद्र सिंह रज्जू भइया राज्य विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में कहा। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल रविवार को प्रो. राजेंद्र सिंह रज्जू भइया राज्य विवि में प्रशासनिक भवन का उद्घाटन करने पहुंची थीं। यहां उन्होंने प्रशासनिक भवन के उद्घाटन के साथ राज्य विश्वविद्यालय, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विवि, जिला प्रशासन द्वारा 35 आंगनबाडी केंद्रों के लिए आंगनबाड़ी कायकत्रियों का प्री स्कूल किट दिया एवं पांच गर्भवती महिलाओं की गोद भराई व पंद्रह बच्चों को फल की टोकरी दी। इस दौरान उन्होंने गांव के प्रधानों से नाली, सड़क, सफाई के अलावा आंगनबाड़ी केंद्र में कुपोषित बच्चों पर काम करने के लिए आगे आने को कहा। उन्होंने जिले के अधिकारियों से टीवी से ग्रसित एक-एक बच्चों को गोद लेने तथा इसके लिए और लोगों को प्रेरित करने की बात कही। आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों के लिए बांटे जा रहे पोषाहार की आंगनबाड़ी कार्यकत्री व प्रधान द्वारा निगरानी करने बात कहते हुए उन्होंने कहा कि हमें घर-घर जाकर महिलाओं को इसके प्रति जागरूक करना चाहिए। उन्होंने कुपोषण, महिला प्रसव व नवजातों की सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान देने की बात कही। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विवि के कुलपति प्रो. विनीत कंसल ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए कहा के आंगनबाड़ी केंद्रों से गांव में विकास हो रहा है। इसके बाद राज्यपाल ने विवि के कुलपति व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। मुख्य विकास अधिकारी सीपू गिरी ने राज्यपाल व वहां मौजूद अतिथियों, आंगनवाड़ी कायकत्रियों, प्रधान व अन्य सभी को प्रयागराज प्रशासन की ओर से धन्यवाद ज्ञापित किया।