World largest dam: दुनिया के सभी देशों में बहुत से छोटे-बड़े बांध बनाए गए हैं, जिनमें सबसे लंबा बांध ‘थ्री गोर्जेस डैम’ है। जो कि चीन में स्थापित है। जिसको बनाने में कुल ढाई लाख करोड़ रुपये से भी अधिक की लागत आई है। वहीं, इसे बनाने में कुल 18 साल का समय लगा था। इसका निर्माण का काम साल 1994 में शुरू हुआ था और 2012 में यह बनकर तैयार हुआ था।
यांग्जी नदी पर स्थित है यह डैम
इंटरनेशनल वाटर पावर एंड डैम कंस्ट्रक्शन पत्रिका के मुताबिक, यह डैम 2.3 किलोमीटर लंबा, 115 मीटर चौड़ा और 185 मीटर ऊंचा है। इसके साथ ही यह बांध दुनिया का सबसे बड़ा पनबिजली बांध है। आपको बता दें कि यह बांध चीन के हुबेई प्रांत में यांग्जी नदी पर बना हुआ है, जिसे दुनिया की तीसरी सबसे लंबी नदी माना जाता है और जिसकी लंबाई छह हजार किलोमीटर से भी अधिक है।
22,400 मेगावाट ऊर्जा उत्पन्न करने की क्षमता
जानकारी के मुताबिक, ‘थ्री गोर्जेस डैम’ बनाने में चार लाख 63 हजार टन स्टील का इस्तेमाल हुआ है। इतने स्टील में तो कई एफिल टॉवर खड़े किए जा सकते हैं। चीन का यह डैम अमेरिका के महान हूवर डैम से 11 गुना अधिक बिजली पैदा कर सकता है। एक अनुमान के मुताबिक, इसमें 22,400 मेगावाट ऊर्जा उत्पन्न करने की क्षमता है, यानी बिजली के उत्पादन में इसका कोई जवाब नहीं है।
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पृथ्वी के जड़त्वाघूर्ण को करता है प्रभावित
कहा जाता है कि इस बांध के जलाशय में इतना पानी इकट्ठा किया गया है कि इससे पृथ्वी का जड़त्वाघूर्ण प्रभावित हो गया है। इसकी वजह से पृथ्वी के घूमने की गति कुछ धीमी पड़ गई है। पृथ्वी के घूमने की गति धीमी होने से एक दिन का समय 0.06 माइक्रोसेकंड्स बढ़ गया है, यानी अब दिन थोड़ा लंबा हो गया है। इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि इस बांध के बनने की वजह से उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव भी अपनी-अपनी जगह से 2-2 सेंटीमीटर खिसक गए हैं, जबकि अन्य ध्रुवों पर पृथ्वी थोड़ी सी चपटी भी हो गई है।
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