वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) ब्रिटेन के शैक्षिक संस्थानों के साथ मिलकर काम करेगा। इसके लिए दोनों के बीच शैक्षणिक और शोध में सहयोग के प्रति मंगलवार को बीएचयू पहुंचे ब्रिटिश उच्चायोग और ब्रिटिश काउंसिल के सदस्यों ने संस्थानों के निदेशक, संकाय प्रमुखों संग संवाद कर सहयोग के संभावित क्षेत्रों पर चर्चा की। कार्यक्रम में बीएचयू अंतरराष्ट्रीय केंद्र के प्रमुख प्रो. एचपी माथुर ने बताया कि वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ विश्वविद्यालय के 65 एमओयू में से चार ब्रिटिश संस्थानों के साथ हैं। ब्रिटिश काउंसिल के उपनिदेशक रोवन कनेडी ने काउंसिल की ओर से आरंभ गोईंग ग्लोबल पार्टनरशिप ग्रांट के बारे में कहा कि इसका उद्देश्य शिक्षा के लिए कार्यक्रम तैयार करना है। ब्रिटिश काउंसिल सिर्फ शोध ही नहीं छात्रों व शिक्षकों के एक्सचेंज कार्यक्रमों के लिए भी सहयोग बढ़ाना चाहती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भारत में उच्च शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण पर जोर दिया गया है, ऐसे में भारत एवं ब्रिटिश संस्थानों के बीच सहयोग बढ़ाने के भी नए मार्ग खुलेंगे। ब्रिटिश उच्चायोग में राजनीतिक एवं द्विपक्षीय मामलों के प्रमुख, रिचर्ड बार्लो ने कहा कि चीवनिंग फैलोशिप एवं स्कॉलरशिप काफी सफल और पसंदीदा है। प्रभारी कुलपति प्रो. वीके शुक्ला ने सदस्यों का स्वागत किया। इस दौरान संकाय प्रमुखों और संस्थानों के निदेशक ने भी संस्थान की उपलब्धियों का प्रेजेंटेशन दिया। कार्यक्रम में उच्चायोग में राजनीतिक व मीडिया मामलों की मिनिस्टर काउंसलर, केटी बज, ब्रिटिश काउंसिल भारत के उप निदेशक, रोवन केनेडी, प्रमुख, उच्च शिक्षा उत्तर भारत, विशु शर्मा के साथ ही बीएचयू के संस्थानों के निदेशक मौजूद रहे।