वाराणसी। सावन की पूर्णिमा पर काशीपुराधिपति सपरिवार झूले पर विराजमान होंगे। श्रावण पूर्णिमा पर बाबा का झूलनोत्सव श्रृंगार किया जाएगा। मंदिर परिसर को कामिनी की पत्तियों और फूलों से सजाया गया है। काशीपुराधिपति को काशीवासी झूला झूलाकर प्राचीन परंपरा का निर्वहन करेंगे। बाबा विश्वनाथ के मंदिर में शनिवार को दर्शन-पूजन के लिए देर रात तक तैयारियां चलतीं रहीं। श्रद्धालुओं के लिए कराई गई बैरिकेडिंग में रेड कार्पेट बिछा दिया गया है। काशी पुराधिपति का दरबार अपने भक्तों के लिए सजधज कर तैयार हो गया है। रविवार कि सुबह मंगला आरती के बाद मंदिर में दर्शन पूजन आरंभ हो गया। सप्तर्षि आरती के बाद गर्भगृह में पंचवदन प्रतिमा की झूला झांकी सजाई जाएगी। बाबा विश्वनाथ सपरिवार झूले पर विराजमान होकर दर्शन देंगे। मंदिर में प्रवेश और निकास के लिए मंदिर प्रशासन की ओर से अलग-अलग मार्ग तैयार किए गए हैं। तीनों मार्ग में श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी ना हो इसलिए मंदिर प्रशासन द्वारा सभी प्रवेश द्वार पर सैनिटाइजर और थर्मल स्कैनिंग करने की व्यवस्था की गई है। कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए सभी श्रद्धालुओं को मास्क पहनना अनिवार्य होगा। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा।