रायबरेली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में अब कोरोना की आरटीपीसीआर जांच हो सकेगी। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च आईसीएमआर से कोरोना की जांच के लिए मंजूरी मिल गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय से आदेश आने के बाद अब 24 मई से एम्स रायबरेली में हर रोज 500 लोगों की कोरोना की जांच की जाएगी। अब तक जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग को सैंपल केजीएमयू भेजने पड़ते थे, जिससे जांच रिपोर्ट आने में देरी होती थी। इससे व्यवस्था से कोरोना मरीजों को सहूलियत मिल सकेगी। जांच रिपोर्ट जल्द आने पर चिकित्सक कोरोना मरीजों का बेहतर इलाज भी कर सकेंगे। एम्स के रजिस्ट्रार व वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी समीर शुक्ला ने बताया कि एम्स के निदेशक डॉ. अरविंद राजवंशी, प्रेसिडेंट डॉ. प्रमोद गर्ग व अन्य अधिकारियों के प्रयास से एम्स में कोरोना की आरटीपीसीआर जांच करने के लिए आईसीएमआर से लाइसेंस मिल गया है। 24 मई से माइक्रोबायोलॉजी विभाग की ओर से कोरोना की रोजाना पांच सौ जांचें की जाएगी। धीरे-धीरे यह संख्या बढ़ाई भी जा सकती है। कोरोना की जांच के लिए तैयारियां पूरी हो चुकी हं। अभी फिलहाल आरटीपीसीआर जांच ही होगी। जल्द ही यहां एंटीजन जांच की व्यवस्था भी की जाएगी।