ग़ाज़ीपुर। कोविड काल मे भी स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही जारी है। ग़ाज़ीपुर के स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था का आलम यह है कि महीनों से जिला अस्पताल से गायब आधा दर्जन डॉक्टर बकायदा नियमित वेतन ले रहे हैं। गैरहाजिर डॉक्टरों में एक तो डिप्टी सीएमओ करीब एक वर्ष से लापता है। जिला अस्पताल में तैनात आधा दर्जन डॉक्टर महीनों से ड्यूटी नही कर रहे। कोविड काल मे जब अस्पताल में मरीजों की भारी भीड़ और इलाज के लिए मारामारी का आलम था तब आधा दर्जन डॉक्टर अपनी ड्यूटी से नदारद रहे। इतना ही नही महीनों से गायब ये डॉक्टर बकायदा नियमित वेतन भी ले रहे हैं। इस मामले को खुलासा डीएम मंगला प्रसाद सिंह की जांच के बाद हुआ। डीएम ने जांच कराई तो पता चला कि जिला अस्पताल में तैनात डॉ. मनमोहन मिश्रा, डॉ. प्रवीण मिश्रा, डॉ. पंकज पांडेय, डॉ. शांतनु मिश्र, डॉ. राहुल और डॉ. महिधर लाखो रुपये के वेतन हर माह ले रहे हैं। लेकिन हैरानी वाली बात ये है कि डॉ. मनमोहन मिश्र करीब एक वर्ष जबकि बाकी डॉक्टर पिछले 4 माह से अपनी ड्यूटी से गैरहाजिर हैं। मामले का खुलासा अस्पताल के ड्यूटी रजिस्टर और ट्रेजरी की सैलरी स्लिप की जांच के बाद हुआ। डीएम की जांच और कार्यवाही से स्वास्थ्य विभाग में खलबली मची हुई है। बताया जा रहा है कि गैरहाजिर डॉक्टरों में दो ने आनन फानन ड्यूटी ज्वाइन कर ली है। लेकिन सवाल ये है कि कोविड आपदा के दौरान भी पिछले कई महीनों से गैरहाजिर चल रहे और नियमित लाखों का वेतन ले रहे इन लापरवाह डॉक्टरों पर क्या कार्यवाही होगी।