लखनऊ। मिथाइल अल्कोहल की बिक्री के लिए लाइसेंस और परमिट जारी किया जाएगा। इसके लिए जिलाधिकारी को लाइसेंस प्राधिकारी जिलाधिकारी को लाइसेंस प्राधिकारी के रूप में अधिकृत किया गया है। जिला मजिस्ट्रेट/लाइसेंस प्राधिकारी से नामित अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय नोडल समिति का गठन किया जाएगा। जिसमें अपर पुलिस अधीक्षक सदस्य के रूप में तथा जिला आबकारी अधिकारी सदस्य/संयोजक के रूप में होंगे। अनाधिकृत रूप से मिथाइल अल्कोहल की बिक्री और भंडारण करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय भूसरेड्डी ने सोमवार को बताया कि प्रदेश में मिथाइल अल्कोहल को जहर घोषित किया गया है। यदि मिथाइल अल्कोहल के उत्पादन के लिए लाइसेंस प्राप्त इकाइयों के अलावा कोई अन्य इस कारोबार में संलिप्त पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मिथाइल अल्कोहल से बनी अवैध शराब के सेवन से मौत होने पर और बड़ी मात्रा में अवैध शराब बरामद होने की स्थिति में स्थानीय आबकारी, पुलिस अधिकारियों, कर्मियों की जवाबदेही तय की जाएगी। उन्होंने बताया कि आबकारी अधिनियम की धाराओं के तहत पुलिस एवं राजस्व विभाग के प्रत्येक अधिकारी इस अधिनियम के किसी भी प्रावधान के उल्लंघन की जानकारी प्राप्त होने पर आबकारी विभाग को सूचना तत्काल देने के लिए बाध्य हैं। वह आबकारी विभाग को कार्रवाई में सहयोग करेंगे। आबकारी विभाग भी अपराधों का पता लगाने और अभियोजन की कार्रवाई में पुलिस अधिकारियों के साथ सहयोग करेंगे। इसके अतिरिक्त प्रत्येक व्यक्ति जो किसी भूमि या भवन का स्वामी है या ऐसे स्वामी का प्रबंधक है, जहां पर किसी नशीले पदार्थ का अवैध निर्माण होता है, वह भी आबकारी विभाग को सूचना देने के लिए बाध्य है। जिस लेखपाल या चैकीदार के अधिकार क्षेत्र में ऐसी भूमि या भवन स्थित है, उसे भी मजिस्ट्रेट या आबकारी, पुलिस या राजस्व विभाग के किसी अधिकारी को तुरंत सूचना देना होगा।