गोरखपुर। देवों के देव महादेव को आराधना से प्रसन्न करने का महीना श्रावण रविवार से शुरू हो गया। श्रावण मास के पहले दिन श्रद्धालुओं शिवालय जाकर विधि विधान से पूजन अर्चन कर महादेव को प्रसन्न किया।। वहीं श्रावण मास का पहला सोमवार 26 जुलाई को है। सोमवार के दिन शिवालयों में बड़ी संख्या में शिवभक्त पहुंच महादेव का जलाभिषेक करेंगे। ऐसे में शहर में महादेव झरखंडी, कूड़ाघाट, मुक्तेश्वरनाथ मंदिर राजघाट, मानसरोवर शिव मंदिर अंधियारीबाग, तिवारीपुर स्थित शिवाला सहित सभी शिव मंदिरों में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। भक्तों को कोविड गाइडलाइन के तहत दर्शन पूजन कराया जाएगा। ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र उपाध्याय के अनुसार श्रावण में एक महीने तक शिवालयों में स्थापित, प्राणप्रतिष्ठित शिवलिंग या धातु से निर्मित लिंग का गंगाजल व दुग्ध से रूद्रभिषेक करें। यह शिव को अत्यंत प्रिय है। वहीं उत्तरवाहिनी गंगाजल, पंचामृत का अभिषेक भी महाफलदायी है। कुशोदक से व्याधि शांति, जल से वर्षा, दही से पशुधन, ईख के रस से लक्ष्मी, मधु से धन, दूध से एवं एक हजार मंत्रों सहित घी की धारा से भगवान शिव का अभिषेक पुत्र व यश वृद्धि होती है। ज्योतिषाचार्य राकेश पांडेय के अनुसार श्रावण मास में ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नादि से निवृत्त होकर शिवालय जाएं। पंचाक्षरी मंत्र के साथ दूध, दही, घी, शहद, शक्कर, पंचामृत, इत्र, फलों के रस, गंगाजल के बाद शुद्ध जल से अभिषेक कराएं। चने की दाल, सरसों तेल, काले तिल, आदि कई सामग्रियों से महादेव का अभिषेक करें। इसके बाद फूल, दूर्वा, बिल्वपत्र, आकपुष्प, धतूरा, कनेल आदि चढ़ाएं। अभ्रक, भांग आदि अर्पित करने के बाद नैवेद्य, फलों से भोग लगाएं। श्रीफल भेंट करने के बाद धूप-दीप से आरती करें। पंडित शरद चंद्र मिश्र के अनुसार श्रावण मास में इस बार चार सोमवार पड़ेंगे। बताया कि पहला सोमवार 26 जुलाई को होगा। इस दिन धन प्रदाता धनिष्ठा नक्षत्र, सौभाग्य के बाद शोभन योग, वरियानऔर महाशुभ नामक औदायिक योग है। इस दिन के व्रत से आर्थिक लाभ और दरिद्रता का शमन होगा। इसके साथ ही क्रमशः दो अगस्त को दूसरा, नौ अगस्त को तीसरा एवं 16 अगस्त को श्रावण मास का चौथा सोमवार होगा।