लखनऊ। बाल विकास पुष्टाहार महिला कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाति सिंह ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र प्रतिमाह कम से कम एक बच्चे को कुपोषण से मुक्त कराएं। इससे कुछ माह में जिला कुपोषण मुक्त होगा। सोमवार को सर्किट हाउस में हुई बैठक में उन्होंने कहा कि कैंप लगाकर निराश्रित महिला पेंशन योजना के पात्रों का फॉर्म भरवाएं। आंगनबाड़ी के माध्यम से डोर टू डोर संपर्क अभियान चलाकर कन्या सुमंगला योजना का लाभ दिलवाएं। जनप्रतिनिधियों से संपर्क कर लोगों तक सहायता पहुंचाएं। कहा किजिले में पीली श्रेणी के कुपोषित बच्चों की संख्या 45,034 और लाल श्रेणी की 5,460 है। बीते साल 54,651 निराश्रित महिलाओं को पेंशन दी गई। इस वर्ष 749 महिलाओं की पेंशन स्वीकृत हुई है। कन्या सुमंगला योजना में बीते साल 2,929 को लाभ दिया गया। योजना में बालिका के जन्म से लेकर स्नातक की पढ़ाई तक छह चरणों में 15 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी गई। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना में 159 को लाभ मिला है। स्पांशरशिप में 26 बच्चों को 2000 रुपये प्रतिमाह का लाभ दिया जा रहा है। 235 नए बच्चों को चिह्ति किया गया है। बैठक से पूर्व मंत्री ने बाबा विश्वनाथ, कालभैरव और संकटमोचन मंदिर में दर्शन पूजन किया। मंत्री ने बताया कि वन स्टाप सेंटर से महिलाओं और बालिकाओं की समस्याओं का निस्तारण किया जा रहा है। इसके तहत अब तक 173 सेवाएं दी गई हैं। ज्यादातर घरेलू हिंसा के मामले आते हैं। उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष के जरिए नौ धाराओं में कार्रवाई चल रही है। इसके तहत 3.10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी गई। अब तक 69 महिलाओं को क्षतिपूर्ति दी गई है।