8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है। हर साल वैश्विक स्तर पर महिला दिवस मनाते हैं। इस दिन को मनाने का उद्देश्य महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना, समाज में उनके योगदान के लिए उन्हें सम्मानित करना और महिलाओं को हर क्षेत्र में कार्य करने के लिए पुरुषों के समान ही मौका दिलाना है। पिछले कुछ दशकों में महिलाओं के हालातों में सुधार हुआ है। आज महिलाएं कई क्षेत्रों में कार्यरत हैं और राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दे रही हैं।
भारतीय महिलाओं के बात करें, तो एक दौर था जब वह घर की चारदीवारी के पीछे रहतीं। घर, परिवार और बच्चों का पालन पोषण करती लेकिन आज वह देश की सीमा पर बाहरी खतरे से भारत की रक्षा कर रही हैं। भारतीय सेना में आज कई महिलाएं उच्च पद पर कार्यरत हैं। कुछ महिलाएं वायुसेना में दमदार लड़ाकू विमान उड़ा रही हैं तो कुछ नौसेना की वर्दी में भारत का गौरव बढ़ा रही हैं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर भारतीय सेना में शामिल सबसे दमदार महिला अधिकारियों के बारे में जानिए, जिनका अदम्य साहस देश का मान बढ़ा रहा है और हर नारी को प्रेरित कर रहा है।
पहली महिला लेफ्टिनेंट जनरल पुनीता अरोड़ा:-
भारतीय सेना में कई महिला अधिकारी शामिल हो चुकी हैं, जो कई पदों पर कार्यरत रहते हुए देश सेवा में लगी हैं, लेकिन इन महिला अधिकारियों के लिए रक्षा विभाग का मार्ग खोलने का श्रेय पुनीता अरोड़ा को जाता है। पुनीता अरोड़ा भारतीय नौसेना की पहली लेफ्टिनेंट जनरल थीं। पुनीता अरोड़ा का जन्म आजादी से पहले पाकिस्तान के लाहौर प्रांत में 13 अक्तूबर 1932 को हुआ था। वर्ष 2004 में वह भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर नियुक्त होने वाली पहली भारतीय महिला बन गईं। पुनीता ने 36 साल नौसेना में कार्य किया और अपने कार्यकाल में कुल 15 पदक प्राप्त किए।
पहली शहीद महिला किरण शेखावत:-
भारतीय सेना में महिलाओं का शामिल होना उपलब्धि है, लेकिन देश के लिए कुर्बानी गौरव की बात है। यही गौरव देश की पहली भारतीय महिला शहीद किरण शेखावत के नाम दर्ज है। किरण शेखावत का जन्म राजस्थान के सेफरागुवार में 1 मई 1988 को हुआ था। हरियाणा में शादी होने के बाद लेफ्टिनेंट किरण शेखावत ऑन ड्यूटी शहीद होने वाली पहली महिला अधिकारी थीं। साल 2010 में किरण शेखावत भारतीय नौसेना में भर्ती हुई थी। 24 मार्च 2015 की रात गोवा में डॉर्नियर निगरानी विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में लेफ्टिनेंट किरण शेखावत शहीद हो गई थीं।
पहली महिला एयर मार्शल पद्मावती बंदोपाध्याय:-
पद्मावती बंधोपाध्याय भारतीय वायुसेना की पहली महिला एयर मार्शल थीं। 1968 में पद्मावती बंधोपाध्याय वायुसेना में शामिल हुईं और 34 वर्षों तक देश सेवा में तत्पर रहीं। वहीं साल 2002 में एयर वाइस मार्शल के पद पर पद्मावति को पदोन्नति मिली।
कारगिल गर्ल गुंजन सक्सेना:-
मशहूर फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना को कारगिल गर्ल के नाम से भी जाना जाता है। गुंजन सक्सेना ने कारगिल युद्ध के दौरान दुश्मनों के सामने अपना दमखम दिखाया था। वह पहली महिला पायलट थीं, जिन्होंने कारगिल युद्ध के दौरान लड़ाई में भारत की तरफ से पाकिस्तानी सेना को टक्कर दी थी। गुंजन सक्सेना का शौर्य वीर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है।
स्वॉर्ड ऑफ ऑनर प्राप्त पहली महिला कैडेट दिव्या अजित कुमार:-
दिव्या अजित कुमार पहली महिला कैडेट हैं, जिन्हें स्वॉर्ड ऑफ ऑनर हासिल हुआ। जब उनके नाम यह उपलब्धि दर्ज हुई तो दिव्या महज 21 साल की थीं। सितंबर वर्ष 2010 में कप्तान दिव्या अजित कुमार को सेना के वायु रक्षा कोर में नियुक्ति मिली।