नई दिल्ली। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बाद कॉलेजों की प्रयोगशालाओं में छात्रों की एंट्री खुल गई। छात्रों की खिलखिलहाट से वीरान पड़ा कैंपस एक बार फिर से गुलजार हो गया। हालांकि लैब कक्षाओं में छात्रों की संख्या कम रही। पहले दिन कहीं महज 10 तो कहीं 40 छात्र कॉलेज पहुंचे। जबकि कॉलेजों ने कोविड-19 सुरक्षा उपायों को लेकर काफी तैयारी की थी। अब कॉलेजों को उम्मीद है कि अक्टूबर आते-आते छात्रों के कैंपस आने की संख्या में बढ़ोतरी होगी। जो छात्र कॉलेज पहुंचे उनमें काफी उत्साह दिखा, कॉलेज में वह दोस्तों के साथ मिलकर सेल्फी लेते नजर आए। सोमवार से यूजी-पीजी अंतिम वर्ष के छात्रों को प्रयोगशालाओं में प्रवेश की अनुमति दी गई। छात्रों के साथ-साथ शिक्षकों में भी छात्रों से मिलने का उत्साह था। कॉलेज पहुंचे छात्रों को कोरोना बचाव से जुड़े नियमों का पालन करवाते हुए परिसर में प्रवेश दिया गया। छात्र खुद भी कॉलेज मास्क लगाकर गलब्स पहनकर पहुंचे। कॉलेज परिसर में आने से पहले उनके शरीर का तापमान माना गया और सैनिटाइज मशीन से सैनिटाइज किया गया। कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. राजेश गिरी ने बताया कि हमने छात्रों के सुरक्षा उपायों को लेकर पूरी तैयारी की है। पहला दिन होने के कारण 20-22 छात्र ही कॉलेज प्रैक्टिकल कक्षाओं में पहुंचे। वह उम्मीद कर रहे हैं कि आगामी दिनों में छात्रों क संख्या में बढ़ोतरी होगी। छात्रों का वैक्सीन का रिकॉर्ड भी रखा जा रहा है। यदि किसी को वैक्सीन नहीं लगी तो उन्हें शिवाजी कॉलेज वैक्सीन लगवाने के लिए भेजा जा रहा है। हंसराज कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. रमा ने बताया कि हमारे यहां दिल्ली से बाहर के छात्र बहुत हैं। पहले दिन सिर्फ दिल्ली के लिए महज 10 छात्र प्रैक्टिकल कक्षाओं में पहुंचे। जहां सामाजिक दूरी का पालन करवाते हुए प्रैक्टिकल कराए गए। वह कहती हैं कि अभी त्यौहारों के मौसम में कोविड-19 के मामले बढने की आंशका को देखते हुए अभिभावकों व छात्रों में काफी डर है। इस कारण अभी छात्र कम पहुंच रहे हैं। मालूम हो कि इससे पहले फरवरी में साइंस प्रैक्टिकल और लाइब्रेरी में छात्रों को आने की अनुमति दी गई थी। लेकिन कोरोना महामारी की दूसरी लहर में बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रैक्टिकल कक्षाओं और लाइब्रेरी को बंद कर दिया गया था।