जम्मू-कश्मीर। लद्दाख में भारत-चीन लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर डेमचोक गांव में स्थित हॉटस्प्रिंग में पारंपरिक हाईड्रोथेरेपी गतिविधियां बहाल हो गई हैं। कोरोना महामारी के चलते गरम पानी के चश्मों पर होने वाली हाईड्रोथेरेपी दो साल से नहीं हो रही थी। खास बात है कि हाईड्रोथेरेपी गतिविधि में सेना, लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद और नागरिक प्रशासन स्थानीय लोगों के साथ मिलकर इस उपचार विधि पर काम कर रहे हैं। हॉटस्प्रिंग में गरम पानी के कई चश्मे हैं। यहां पारंपरिक रूप से हाईड्रोथेरेपी के जरिए माइग्रेन, पीठ दर्द, जोड़ों का दर्द, गैस, चर्म रोग, रक्तचाप और गला, नाक व कान की बीमारियों का उपचार किया जाता है। यहां आने वाले लोगों को हाईड्रोथेरेपी से बीमारियों से खासी राहत मिलती है। दो साल बाद हाईड्रोथेरेपी गतिविधियों को बहाल करने के दौरान लेह, चोगलामसर, चुमाथांग, हलने, कोयुल और डेमचोक गांवों से सैकड़ों लोग पहुंचे।