कर्नाटक। भारतीय अंतरिक्ष विभाग ने योजना बनाई है कि वह जीएसएलवी एमके3 और एसएसएलवी का निर्माण पूरी तरह भारतीय उद्योगों के जरिए करवाए। विभाग की वाणिज्यिक शाखा न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के अनुसार पीएसएलवी निर्माण के लिए पहले ही 3 आवेदन आ चुके हैं। पीएसएलवी के पूर्ण निर्माण के लिए मांगे गए प्रस्ताव के बाद यह आवेदन एचएएल व एलएनटी, बीईएल अडानी व बीईएमएल और भेल द्वारा दिए गए हैं। एनएसआईएल के अध्यक्ष व महानिदेशक राधाकृष्णन डी के अनुसार इन आवेदनों का तकनीकी व वित्तीय मूल्यांकन हो रहा है। 2 महीने में यह काम पूरा हो जाएगा और किसी एक आवेदक की निविदा स्वीकार कर करार किया जाएगा। जिस कंपनी का आवेदन स्वीकार होगा वह पांच पोलर सैटलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी) बनाएगी। इसके बाद जियोसिंक्रोनस सैटलाइट लॉन्च व्हीकल (जीएसएलवी) एमके3 के निर्माण के लिए भी इसी प्रकार से आवेदन मंगवाए जाएंगे। राधाकृष्णन ने उम्मीद जताई कि यह काम इस वर्ष के आखिर तक पूरा कर लिया जाएगा।