नई दिल्ली। इस बार दक्षिण-पश्चिम मानसून ने उत्तर-पश्चिम भारत में जमकर मेहरबानी की। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड, ओडिशा व छत्तीसगढ़ में रिकॉर्ड बारिश हो रही है। मानसून की सक्रियता 29 सितंबर तक तरबतर करती रहेगी। दिल्ली में भी दो सप्ताह तक रुक-रुककर बारिश होने की संभावना है। इससे दिल्ली सितंबर के 57 साल का रिकॉर्ड तोड़ देगी। मौसम विभाग के मुताबिक इस बार मानसून की मेहरबानी का कारण बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में बन रही मौसमी घटनाएं रही हैं। बारिश का पहला दौर 16 से 22 और दूसरा 23 से 29 सितंबर के बीच बन रहा है। इससे पहले 25 सितंबर तक मानसून की वापसी के कयास लगाए जा रहे थे। पहले स्पेल के दौरान उत्तर-पश्चिम अरब सागर से मानसून ट्रफ होकर गुजर रही है। वहीं 18 सितंबर के पास बंगाल की खाड़ी में मौसमी चक्रवात बन रहा है, जो उत्तर-पश्चिम भारत की ओर बढ़ेगा। इससे पूर्वी और मध्य भारत में मेघ जमकर बरसेंगे। इस कड़ी में ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भी तेज बारिश की संभावना है। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, दो सप्ताह से पहले मानसून का लौटना मुश्किल है। क्योंकि, बंगाल की खाड़ी में दो मौसमी चक्रवात की स्थितियां बन रही हैं। इस वजह से समूचे पूर्वी, मध्य और उत्तर-पश्चिम भारत में अधिक बारिश की संभावना है। इस बार दिल्ली में बारिश का 57 साल का रिकॉर्ड भी टूट सकता है। एक दिन पहले तक दिल्ली में इस मानसून में कुल 1170.7 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है। इससे पहले वर्ष 1964 में 1190.9 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। ऐसे में रिकॉर्ड को ध्वस्त करने के लिए दिल्ली को केवल 20.2 मिमी बारिश की आवश्यकता है। इससे पहले वर्ष 1933 में 1420.3 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई थी, जो पिछले 121 साल में सबसे अधिक है। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, दिल्ली में बारिश का रिकॉर्ड 1190.9 मिमी को पार कर जाता है तो यह पिछले 121 साल में दूसरी बार सबसे अधिक बारिश होगी।