नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बने रक्षा मंत्रालय के दो नए कार्यालयों का उद्घाटन किया। ये रक्षा कार्यालय परिसर दिल्ली के कस्तूरबा गांधी मार्ग और अफ्रीका एवेन्यू में हैं। उद्घाटन कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, आवास और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, आवास और शहरी कार्य राज्य मंत्री कौशल किशोर, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल विपिन रावत (सीडीएस) और सशस्त्र बलों के प्रमुख शामिल रहे। इस मौके पर पीएम मोदी ने अधिकारियों को भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आजादी के 75वें वर्ष में आज हम देश की राजधानी को नए भारत की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं के अनुसार विकसित करने की तरफ एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ा रहे हैं। नया डिफेंस ऑफिस कॉम्प्लेक्स हमारी सेनाओं के काम काज को अधिक सुविधाजनक, अधिक प्रभावी बनाने के प्रयासों को और सशक्त करने वाला है। पीएम मोदी ने कहा कि आज जब भारत की सैन्य ताकत को हम हर लिहाज से आधुनिक बनाने में जुटे हैं, आधुनिक हथियार से लेस करने में जुटे हैं, सेना की जरूरत की खरीद तेज हो रही है, तब देश की रक्षा से जुड़ा कामकाज दशकों पुराने तरीके से हो, ये कैसे संभव हो सकता है? उन्होंने कहा कि जो लोग सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के पीछे डंडा लेकर पड़े थे, वे इन प्रोजेक्ट पर बिल्कुल चुप रहते थे, जबकि ये भी सेंट्रल विस्टा का ही हिस्सा है। पीएम ने कहा कि 7,000 से अधिक सेना के अफसर यहां काम करते हैं और अब उनके लिए नई व्यवस्था बनाई गई है। पीएम मोदी ने कहा कि अब केजी मार्ग और अफ्रीका एवेन्यु में बने ये आधुनिक ऑफिस, राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़े हर काम को प्रभावी रूप से चलाने में बहुत मदद करेंगे। राजधानी में आधुनिक डिफेंस एन्क्लेव के निर्माण की तरफ ये बड़ा कदम है। जब हम राजधानी की बात करते हैं तो वो सिर्फ एक शहर नहीं होता। किसी भी देश की राजधानी उस देश की सोच, संकल्प, सामर्थ्य और संस्कृति का प्रतीक होती है। भारत तो लोकतंत्र की जननी है। इसलिए भारत की राजधानी ऐसी होनी चाहिए, जिसके केंद्र में लोक हो, जनता हो। पीएम मोदी ने कहा कि राजधानी की आकांक्षाओं के अनुरूप दिल्ली में नए निर्माण पर बीते वर्षों में बहुत जोर दिया गया है। जनप्रतिनिधियों के आवास हों, अंबेडकर की स्मृतियों को सहेजने के प्रयास हों, अनेक नए भवन हों, इन पर लगातार काम किया है। पीएम मोदी ने कहा कि डिफेंस ऑफिस कॉम्प्लेक्स का जो काम 24 महीने में पूरा होना था वो सिर्फ 12 महीने में पूरा किया गया है। वो भी तब जब कोरोना से बनी परिस्थितियों में लेबर से लेकर तमाम दूसरी चुनौतियां सामने थीं। कोरोना काल में सैकड़ों श्रमिकों को इस प्रोजेक्ट में रोजगार मिला है। बता दें कि दोनों दफ्तर की इमारतें सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के पहले चरण के तहत तैयार हुई हैं। इससे पहले रक्षा मंत्रालय का मुख्य दफ्तर साउथ ब्लॉक के पास था, जबकि बाकी दफ्तर इधर-उधर थे। लेकिन इन्हें अब इन दो इमारतों में समाहित कर दिया जाएगा। दोनों ही इमारतें अब बनकर पूरी तरह तैयार हैं। अगले कुछ महीनों में कर्मचारी इनमें शिफ्ट हो जाएंगे। इस मौके पर राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछली इमारतें जर्जर अवस्था में थीं। हमारे अधिकारियों को काम करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। जगह का सही उपयोग नहीं हो पा रहा था, यही कारण है कि इस परिसर को लाया गया है। अब 7,000 से अधिक श्रमिकों को इसमें समायोजित किया जा सकता है। ये परिसर 21वीं सदी की ज़रूरतों के हिसाब से बने हैं और यहां हर तरह की सुविधाएं भी हैं।