पुष्कर/राजस्थान। परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि श्रवण भक्ति-कथा में श्रवण किए हुए को आचरण में उतारो तो ही उसकी सार्थकता है। श्रवण भक्ति से पाप जलते हैं मन का मैल धुलता है और प्रभु का प्रेम जाग्रत होता है। कथा सुनने के बाद जीवन में बदलाहट आनी चाहिए। कथा का श्रवण पुण्य प्राप्त करने के लिए नहीं, दुर्वृति की समाप्ति के लिए करो। जीवन में क्रांति लाने के लिए ही कथा सुनो। यदि कथा सुनने के बाद जीवन में नई चेतना न आये और नये जीवन की शुरुआत न हो तो कथा सुनना व्यर्थ है। जगत की व्यथा को दूर रखकर ही कथा में बैठो। कथा में सुने हुए को क्रिया में उतारें तो ही वह काम का है। सभी हरि भक्तों के लिए पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना। श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम काॅलोनी, दानघाटी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, गोवर्धन, जिला-मथुरा (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)।