हिमाचल विधानसभा: शून्यकाल शुरू करने के लिए शीतकालीन सत्र में लग सकती है मोहर

हिमाचल प्रदेश। शिमला आगामी शीतकालीन सत्र में शून्यकाल शुरू करने का रास्ता साफ हो सकता है। शून्यकाल की व्यवस्था को लागू करने के लिए विधानसभा सचिवालय में विचार-विमर्श चल रहा है। उसके बाद शून्यकाल की व्यवस्था करने का प्रस्ताव विधानसभा की मंजूरी के लिए जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार का कहना है कि विपक्षी सदस्य सदन में समय नहीं मिलने से नाराजगी जाहिर करते रहे हैं। तेरहवीं विधानसभा के हर सत्र में विपक्ष को समय नहीं मिलने की शिकायत रहती है। ऐसे में एक बार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से इस संबंध में चर्चा होगी। प्रश्नकाल के बाद भी विपक्ष की ओर से एक नहीं आधा दर्जन सदस्य हाथ उठाकर प्वाइंट ऑफ आर्डर पूछने की अनुमति चाहते हैं। नियमानुसार विपक्ष की ओर से नेता प्रतिपक्ष को ही किसी ताजा घटनाक्रम पर जानकारी पूछनी चाहिए या फिर सदन के ध्यान में लाना चाहिए। विपिन सिंह परमार ने कहा कि विधानसभा सचिवालय में विचार-विमर्श पूरा होने के बाद इस संबंध में सदन के नेता मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भी चर्चा होगी। विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कहा कि पूर्ण राज्यत्व के स्वर्ण जयंती वर्ष के उपलक्ष्य पर विधानसभा में 17 सितंबर को एक दिवसीय विशेष सत्र का आयोजन किया जाएगा। इस विशेष सत्र में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद विधानसभा सदस्यों को संबोधित करेंगे। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, प्रदेश मंत्रिमंडल के सभी मंत्री, मौजूदा विधायक और पूर्व विधायक इस सत्र में शामिल होंगे। राष्ट्रपति का संबोधन सुबह 11:00 बजे होगा। उन्होंने कहा कि 25 जनवरी 1971 को हिमाचल प्रदेश भारतीय गणराज्य का 18वां राज्य बना था व प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ था। प्रदेशवासी इस स्वर्णिम वर्ष को संपूर्ण उल्लास और धूमधाम के साथ मना रहे हैं। प्रदेश सरकार प्रचार-प्रसार के माध्यम से कई कार्यक्रम आयोजित करने जा रही है। इसी कड़ी में पूर्ण राज्यत्व के स्वर्णिम वर्ष 2021 के उपलक्ष्य पर 51 विशेष कार्यक्रमों का आयोजन करने का निर्णय लिया गया है।

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