हिमाचल प्रदेश। हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहे करीब 2500 एसएमसी शिक्षकों के लिए नीति बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। दो दिसंबर को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होने वाली हाई पावर कमेटी की बैठक में इस बाबत फैसला होने के आसार हैं। पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेमकुमार धूमल की ओर से भी उच्च और प्रारंभिक शिक्षा निदेशकों को पत्र भेजकर इन शिक्षकों के लिए नीति बनाने का आग्रह किया है। प्रो. धूमल ने लिखा है कि एसएसमसी शिक्षक बीते कई वर्षों से प्रदेश के दूरदराज के क्षेत्रों सेवाएं दे रहे हैं। सरकार को इनके भविष्य को सुरक्षित करना चाहिए। तत्कालीन धूमल सरकार के समय ही एसएमसी शिक्षकों की सरकारी स्कूलों में नियुक्तियां हुई थीं। उधर, दो दिसंबर को होने वाली हाई पावर कमेटी की बैठक पर हजारों शिक्षकों की नजरें टिकी हुई हैं। बैठक में भाषा शिक्षकों और शास्त्री को टीजीटी पदनाम देने का फैसला भी हो सकता है। इसके अलावा शिक्षकों की विभिन्न श्रेणियों की लंबे समय से रुकी हुई पदोन्नितयों के मामले को लेकर भी चर्चा होने के आसार हैं।