सस्ती सेंसर तकनीक को भारतीय वैज्ञानिकों ने किया विकसित

नई दिल्ली। भारतीय वैज्ञानिकों ने विस्फोटकों का तेजी से पता लगाने के लिए पॉलीमर आधारित सस्ती सेंसर तकनीक विकसित की है। इसकी मदद से नाइट्रो-एरोमैटिक रसायनों वाले उच्च क्षमता वाले विस्फोटकों का पता लगाना आसान होगा। यह तकनीक अपराधिक जांच, बारूदी सुरंग वाले क्षेत्रों,सेना के उपयोग के लिहाज, गोला बारूद, सुरक्षा अनुप्रयोगों के लिहाज से महत्वपूर्ण है। इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस, स्टडी इन साइंस एंड टेक्नॉलजी, गुवाहटी के डॉ नीलोत्पल सेन सरमा के नेतृत्व में शोधार्थियों ने वैज्ञानिकों के एक समूह के साथ काम करके यह पॉलीमर डिटेक्टर विकसित किया है। इसमें दो कार्बनिक पॉलिमर होते हैं, पहला पाली-2 विनाइल पिरीडीन जिसमें एक्रेलोनाइट्राइल-पी 2वीपी-सीओ-एएन होता है, और दूसरा हेक्सन-पीसीएचएमएएसएच के साथ कोलेस्ट्राल मेथाक्राइलेट का को-पॉलीसल्फोन होता है, जो कुछ सेकेंड के अंदर एनएसी वाष्प की बहुत कम सांद्रता की उपस्थिति में रुकावट आने पर भारी परिवर्तन से गुजरता है। इस टीम ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग- डीईआईटीवाई, भारत सरकार की ओर से वित्तपोषित नई प्रौद्योगिकी को पेटेंट कराने के लिए भी आवेदन किया है।

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