आस्था। भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव आने में कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। पुराणों के मुताबिक, भगवान श्रीकृष्ण विष्णु जी का अवतार हैं। विष्णु जी ने माता देवकी और वासुदेव जी के वंश में कान्हा के रूप में जन्म लिया था। जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव पूरे हर्षोल्लास से मनाया जाता है।
इस साल भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव 18, 19 अगस्त को मनाया जा रहा है। घर में आपने देखा होगा कृष्ण के बाल स्वरूप लोग मंदिर में रखते हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो अपने घर के मंदिर में लड्डू गोपाल को रखना तो चाहते हैं, मगर उन्हें लड्डू गोपाल की प्रतिमा को रखने के सही नियम कायदे नहीं पता होते। जब भी घर में बाल गोपाल स्थापित करें तो विशेष नियम का जरूर ध्यान रखें। आइए जानते हैं क्या है वो नियम-
नियम से कराएं स्नान :-
जिस तरह आप रोज स्नान करते हैं, उसी प्रकार आपको नियमित रूप से लड्डू गोपाल को भी स्नान कराना होगा। लेकिन स्नान कराते समय विशेष ध्यान रखना चाहिए। लड्डू गोपाल को स्नान कराने के लिए दूध, दही, शहद, गंगाजल, घी का इस्तेमाल करना चाहिए। शंख में दूध, दही, गंगाजल और घी डालकर स्नान कराना चाहिए।
तैयार करें :-
बाल गोपाल को स्नान के बाद एक शिशु की तरह तैयार करना चाहिए। उनके नियमित रूप से वस्त्र बदलने चाहिए। यदि आप ऐसा न कर सकें तो पुराने वस्त्रों को धोकर पहनाएं और इसके बाद चंदन का टीका लगाएं।
नियमित भोग लगाएं :-
लड्डू गोपाल या बाल गोपाल को नियमित रूप से 4 बार भोग लगाना चाहिए। भगवान श्री कृष्ण को सात्विक भोजन ही कराएं। आप रसोई में जो भी सात्विक भोजन पकाएं, उसका भोग लड्डू गोपाल को जरूर लगाएं। वैसे आप माखन-मिश्री, बूंदी के लड्डू, खीर और हलवे का प्रसाद भी चढ़ा सकते हैं। आपको बता दें कि श्री कृष्ण को खीर अति प्रिय है।
रोज आरती करें :-
बाल गोपाल की नियमित रूप से आरती भी जरूर करें। बाल गोपाल को बेले के फूल और केला अति प्रिय हैं आरती करते वक्त आप लड्डू गोपाल को यह चीजें जरूर अर्पित करें। दिन में चार बार लड्डू गोपाल की आरती करना अनिवार्य है।
कभी न छोड़ें अकेला :-
बाल गोपाल के शिशु रूप को घर में स्थापित करना मतलब नन्हे बालक को घर में रखना है। इसीलिए उनका ख्याल आपको बिलकुल वैसे ही रखना होगा, जैसे घर के छोटे बच्चे का रख जाता है। इसलिए घर में बाल गोपाल को कभी अकेला न छोड़ें। यदि आप लंबे समय के लिए कहीं जा रही हैं तो उन्हें संग लेकर जाएं और उनकी पूजा जरूर करें।