जम्मू कश्मीर। उप राज्यपाल मनोज सिन्हा प्रदेश स्तरीय सतर्कता जागरूकता सप्ताह को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होने कहा कि भ्रष्टाचार मुक्त जम्मू-कश्मीर का निर्माण हमारा संकल्प है। भ्रष्ट आचरण में लिप्त किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। भ्रष्टाचार के खिलाफ सबसे शक्तिशाली हथियार सक्रिय नागरिकता है। उन्होंने सभी से हाथ मिलाने और इस खतरे को व्यवस्था से बाहर निकालने का संकल्प लेने का आग्रह किया।
एलजी मनोज सिन्हा ने कहा -2019 से पहले केंद्र शासित प्रदेश में भ्रष्टाचार एक स्वीकृत सामाजिक मानदंड बन गया था। पिछले तीन वर्षों में पीएम मोदी के मार्गदर्शन में जम्मू-कश्मीर में एक नई पारदर्शी भ्रष्टाचार मुक्त प्रणाली स्थापित की गई है।
रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म का जो रास्ता हमने चुना है, वह आगे बढ़ने का सही रास्ता है। कुछ लोग जानबूझकर इस यात्रा को पटरी से उतारने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन हम उनके नापाक मंसूबों को कभी सफल नहीं होने देंगे।
जमीन पर भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस से शासन में पारदर्शिता आई है और सुशासन का लाभ बिना किसी भेदभाव के कतार के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना सुनिश्चित किया है। उन्होंने कहा कि व्यवस्था में अपराधियों की पहचान की जा रही है और इस साल 445 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन में सतर्कता विभाग समय की मांग है। हमें अपने सामाजिक-आर्थिक विकास को गति देने और समय सीमा के भीतर लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए बड़े लक्ष्य निर्धारित करने और सामूहिक प्रयास करने होंगे। उप राज्यपाल ने कहा कि नीतियों और निर्णय लेने में लोगों की भागीदारी, उनकी जरूरतों और आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करना चाहिए।
किसी को भी पूर्वाग्रह के आधार पर काली भेड़ घोषित नहीं किया जाना चाहिए और किसी को भी भ्रष्ट आचरण में लिप्त लोगों की रक्षा या बचाव नहीं करना चाहिए, चाहे अपराधी कितना ही उच्च पद पर क्यों न हो। एलजी सिन्हा ने अधिकारियों से कहा कि प्रशासन के कामकाज को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए पूरे प्रशासनिक ढांचे को एक समान दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।