नई दिल्ली। सीबीआई ने मंगलवार की देर रात फ्रीलांस डिफेंस जर्नलिस्ट विवेक रघुवंशी को जासूसी मामले में गिरफ्तार किया। विवेक रघुवंशी के सहयोगी को भी डीआरडीओ की रक्षा परियोजनाओं और भारतीय सशस्त्र बलों की भविष्य की खरीद से संबंधित संवेदनशील जानकारी एकत्र करने और उसे विदेशी खुफिया एजेंसियों के साथ साझा करने के आरोप में हिरासत में लिया।
वहीं आधिाकारिक सूत्रों के मुताबिक विवेक रधुवंशी पर जासूसी मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसके बाद विवेक रघुवंशी और उसके करीबी लोगों से जुड़ी एनसीआर में दिल्ली, युपी, हरियाणा और जयपुर में 12 जगहों पर छापेमारी की गई. छापेमारी के दौरान कई संवेदनशील दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं और उन्हें लीगल जांच के लिए भेजा गया है।
सीबीआई ने देश की सुरक्षा से जुड़ी खुफिया जानकारी इकट्ठा करने और विदेशी खुफिया एजेंसियों को भेजने के आरोप में एक पत्रकार के खिलाफ मामला दर्ज किया है। मामले की जाँच कर रही सीबीआई का कहना है कि पत्रकारिता की आड़ में विवेक रघुवंशी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन डीआरडीओ और सेना की संवेदनशील जानकारी इकट्ठा कर रहा था। इसी कड़ी में उसने डीआरडीओ और भारतीय सेना द्वारा भविष्य में किन चीजों की खरीद करने वाली है इसकी जानकारी उसने इकट्ठी कर ली थी। विवेक रघुवंशी डीआरडीओ और सेना से जुड़ी जानकारी लीक कर रहा था। सीबीआई ने विवेक से जुड़े 12 ठिकानों पर छापेमारी कर कुछ दस्तावेज बरामद किए हैं।
सूत्रों ने कहा कि विवेक रघुवंशी के खिलाफ शासकीय गोपनीयता अधिनियम के प्रावधानों के तहत केस दर्ज किया गया है। सीबीआई ने आरोप लगाया कि रघुवंशी ने डीआरडीओ और सेना की परियोजनाओं का ‘संवेदनशील’ और ‘ब्योरेवार’ विवरण एकत्र किया और उन्हें विदेशी खुफिया एजेंसियों के साथ साझा किया।
सीबीआई का आरोप है कि रघुवंशी ने मित्र देशों के साथ भारत की रणनीतिक और कूटनीतिक बातचीत के ब्यौरे के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी गोपनीय संचार सूचनाओं की जानकारी जुटाई थीं। उन्होंने कहा कि अगर ये सूचनाएं सामने आतीं तो इन देशों के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंध खराब हो सकते थे।
इसी सिलसिले में सीबीआई ने दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम और जयपुर में 12 ठिकानों पर छापेमारी की है। कहा जा रहा है कि इस छापेमारी में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज सीबीआई के हाथ लगे हैं। फिलहाल, सीबीआई आरोपित विवेक रघुवंशी के खिलाफ सरकारी गोपनीयता अधिनियम के तहत FIR दर्ज कर मामले की जाँच कर रही है। सरकारी गोपनीयता अधिनियम को जासूसी विरोधी अधिनियम भी कहा जाता है।