अस्था। आज चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि है। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को देवी दुर्गा के 8वें स्वरूप ‘मां महागौरी’ की पूजा कि जाती है। आइये जानते है महा अष्टमी पूजा का क्या महत्व है।- मां महागौरी की पूजा शादी-विवाह में आ रही रुकावटों को दूर करने के लिए की जाती है। कहा जाता है कि महागौरी की पूजा करने से दांपत्य जीवन सुखद बना रहता है। साथ ही पारिवारिक कलह क्लेश भी खत्म हो जाता है। वहीं अष्टमी के दिन कन्या पूजन करना श्रेष्ठ माना जाता है। मान्यता है कि नवरात्रि में कन्या पूजन करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और भक्तों को सुख समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।
अष्टमी तिथि एवं शुभ मुहूर्त- इस बार अष्टमी तिथि 9 अप्रैल को यानी आज है। पंचांग के मुताबिक अष्टमी तिथि 8 अप्रैल की रात 11 बजकर 5 मिनट से शुरू हो रही है। साथ ही इसका समापन 9 अप्रैल की देर रात 1 बजकर 23 मिनट पर होगा।
पूजा विधि- सबसे पहले लकड़ी की चौकी पर महागौरी की मूर्ति स्थापित करें। फिर चौकी पर सफेद वस्त्र बिछाकर उस पर महागौरी यंत्र रखें और यंत्र की स्थापना करें। इसके बाद पुष्प लेकर मां का ध्यान करें। अब मां की प्रतिमा के आगे दीपक चलाएं और उन्हें फूल, फल, नैवेद्य आदि अर्पित करें और देवी मां की आरती उतारें।
कन्या पूजन विधि:- नवरात्रि में महाअष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन किया जाता है। 2 से 10 वर्ष तक की आयु की कन्याओं के साथ ही एक लांगुरिया को पूरी, हलवा, चने की सब्जी आदि खिलाया जाता है। इसके बाद कन्याओं को तिलक करके हाथ में मौली बांधकर, गिफ्ट-दक्षिणा आदि देकर उनका आशीर्वाद लिया जाता है।
मंत्र:-
श्वेते वृषे समारूढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचि:.
महागौरी शुभं दद्यान्त्र महादेव प्रमोददो.
या देवी सर्वभूतेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:.
ओम महागौरिये: नम:.