China navy: चीनी सेना अपनी ताकत बढाने के लिए लगातार प्रयासरत है. इसी क्रम में उसने अपने सबसे उन्नत और तीसरे विमानवाहक पोत फुजियान का समुद्री परीक्षण शुरू कर दिया है. बता दें कि फुजियान के चीनी सेना में शामिल होने के बाद ड्रैगन की ताकत काफी ज्यादा बढ़ जाएगी. आज से शुरू हो रहे इस परीक्षण में पोत के स्थायित्व और इलेक्ट्रिक सिस्टम का प्राथमिक तौर पर परीक्षण किया जाएगा.
आपको बता दें कि चीन ने साल 2022 में फुजियान विमानवाहक पोत को लॉन्च किया था. फिलहाल फुजियान पोत अपने मूरिंग परीक्षण और अन्य तकनीकी परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर चुका है. फुजियान के परीक्षण के चलते याग्जी नदी में यातायात परिवहन को रोक दिया गया है, जो कि 9 मई तक जारी रहने वाला है.
China navy: कई देशों से चल रहा चीन का विवाद
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन साल 2035 तक दक्षिण चीन सागर में 5-6 विमानवाहक पोतों की तैनाती का लक्ष्य लेकर चल रहा है. दरअसल, दक्षिण चीन सागर में चीन का कई देशों के साथ विवाद चल रहा है. चीन, दक्षिण चीन सागर के अधिकांश भागों पर अपना दावा करता है, जिससे चीन का फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान के साथ सीमा विवाद चल रहा है.
China navy: फ्लैट टॉप फ्लाइट डैक की सुविधा
बता दें कि फुजियान एक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक एयरक्राफ्ट लॉन्च सिस्टम है, जिसे चीन में ही विकसित किया गया है. यह अमेरिका के आधुनिक विमानवाहक पोत यूएसएस गेराल्ड आर.फोर्ड जैसा ही है. फुजियान का वजन करीब 80 हजार टन है, जो कि बाकी दो पोतों से 20 हजार टन अधिक है. चीन के पहले दो विमानवाहक पोत लियोनिंग और शानडोंग हैं, यह स्की जंप टेक-ऑफ रैंप से लैस हैं, जबकि फुजियान में फ्लैट टॉप फ्लाइट डैक की सुविधा है. साथ ही चीन अपने विमानवाहक पोतों पर जे-15 फाइटर जेट की तैनाती करता है.
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