नई दिल्ली। दिवाली के तीन सप्ताह बाद कोविड संक्रमण के मामलों में गिरावट बताती है कि भारत कोविड संक्रमण के सबसे बुरे दौर को बहुत पीछे छोड़कर आगे बढ़ चुका है। विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमण के मामलों में गिरावट का श्रेय टीकाकरण अभियान व इस साल मार्च से जुलाई तक दूसरी लहर के दौरान वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों में पनपी हाइब्रिड इम्युनिटी को दिया जा सकता है। हालांकि देश के बड़े हिस्से में बढ़ती ठंड के साथ वायरस के नए संस्करण के संक्रमण की आशंका कभी खत्म नहीं हो सकती, लेकिन विनाशकारी तीसरी लहर की आशंका अब नजर नहीं आती है। सोनीपत में अशोक विश्वविद्यालय के प्रोफेसर गौतम मेनन कहते हैं, जब तक कि वायरस का कोई बेहद संक्रामक संस्करण न आए, पूरे देश में एक साथ संक्रमण बढ़ने की आशंका अब नहीं के बराबर है। मेनन ने बताया कि कई वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चलता है कि जो लोग स्वाभाविक रूप से कोविड से संक्रमित हो जाते हैं और टीकाकरण से पहले ठीक हो जाते हैं, उनमें हाइब्रिड इम्यूनिटी विकसित होती है, जो केवल टीकाकरण से बनने वाली इम्यूनिटी से बेहतर होती है। सीएसआईआर-इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी, नई दिल्ली के निदेशक अनुराग अग्रवाल भी मेनन के साथ सहमति जताते हैं।