कंपनियों को बताना होगा पैकेट बंद उत्पादों का प्रति इकाई मूल्य…

नई दिल्‍ली। ग्राहकों की सहूलियत के लिए उपभोक्ता मंत्रालय अगले वित्तवर्ष से नया नियम लागू करने जा रहा है। इसके तहत किसी पैकेट बंद उत्पाद पर अंकित अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) के साथ कंपनियों को प्रति इकाई कीमत भी बतानी होगी। उपभोक्ताओं को अभी चावल, आटा, बिस्कुट जैसे पैकेट बंद उत्पाद खरीदने पर उसकी प्रति इकाई कीमत का पता नहीं चल पाता। उपभोक्ता मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अप्रैल, 2022 से पैकेट बंद उत्पादों पर कंपनियों को अधिकतम खुदरा मूल्य के साथ उसकी प्रति इकाई कीमत भी बतानी होगी। इससे पता चलेगा कि किसी कंपनी का उत्पाद अन्य कंपनी के मुकाबले सस्ता है अथवा महंगा। अभी ग्राहक अगर 3.5 किलोग्राम के आटे का पैकेट या 88 ग्राम के बिस्कुट का पैकेट खरीदता है, तो उसे सिर्फ अधिकतम खुदरा मूल्य ही लिखा मिलता है। नया नियम लागू होने के बाद कंपनियों को यह भी बताना होगा कि आटे का प्रति किलोग्राम या बिस्कुट की प्रति ग्राम क्या कीमत वसूली जा रही है। इससे ग्राहकों को फैसला लेने में आसानी होगी। सरकार पैकेट बंद उत्पाद के विधि नियम, 2011 में संशोधन करने जा रही है, जिसके तहत शुरुआत में 19 तरह की कमोडिटी को शामिल किया जाएगा। अगर किसी पैकेट का भार एक किलोग्राम से ज्यादा है, तो उस पर प्रति किलोग्राम मूल्य अंकित करना होगा, जबकि एक किलोग्राम से कम भार वाले पैकेट पर प्रति ग्राम मूल्य अंकित करना जरूरी होगा। कंपनियां चावल और आटे जैसे उत्पादों को 100 ग्राम, 200 ग्राम, 500 ग्राम, एत किलोग्राम, 1.25 किलोग्राम, 1.5 किलोग्राम, 1.75 किलोग्राम, जो किलोग्राम और पांच किलोग्राम के पैकेट में जारी करेंगी। इसके बाद पांच किलो के गुणक यानी 10, 15, 20 किलोग्राम के पैकेट देने होंगे।

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