नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि इसने जीएसएल के साथ 473 करोड़ रुपये के समझौते पर हस्ताक्ष किए हैं। यह समझौता आईसीजी के लिए आठ हाई स्पीड पैट्रोल जहाजों के निर्माण के लिए किया गया है।
जीएसएल इन जहाजों का निर्माण पूरी तरह स्वदेश में ही करेगी। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह परियोजना घरेलू जहाज निर्माण क्षमता को बढ़ाएगी और इससे इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
इससे भारत को रक्षा उत्पादन का केंद्र बनाने में भी मदद मिलेगी। वहीं केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने राज्यसभा को बताया है कि केंद्र सरकार ने एक मजबूत समुद्री खोज और बचाव फ्रेमवर्क की स्थापना की है।
इससे भारत के तटीय इलाकों और गहरे समुद्र में होने वाली विभिन्न घटनाओं को संबोधित किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि आईसीजी के महानिदेशक को राष्ट्रीय समुद्री खोज एवं बचाव बोर्ड (एनएमएसएआरबी) का चेयरमैन नियुक्त किया गया है।
इसके साथ ही इसमें विभिन्न राष्ट्रीय एजेंसियों और तटीय राज्यों के अधिकारियों को सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि आईसीजी की बल क्षमता अब बढ़ कर 159 जहाज और 72 विमान की हो गई है।
वहीं तटीय सीमा पर 16 जिला मुख्यालयों और 42 चौकियों की स्थापना भी की गई है। आईसीजी के जहाज व विमान अत्याधुनिक उपकरणों से लैस हैं।