हेल्थ। कई बार माता पिता की कुछ सामान्य सी गलतियों के कारण बच्चों की ग्रोथ रुक जाती है। जिसमें सबसे बड़ी वजह है बच्चे के हाइजीन पर ध्यान ना देना। दरअसल, सही आदतों के अभाव में बच्चे आसानी से पिनवर्म के शिकार बन जाते हैं और उनके पेट में कीड़े हो जाते हैं। अगर एक बार ये कीड़ा बच्चे की पेट में चला जाए तो फिर इसे जब तक मारा ना जाए, ये बच्चे की ग्रोथ को प्रभावित करता रहता है। तो आइए सबसे पहले हम जानते हैं कि माता पिता की किन गलतियों से बच्चे के पेट में कीड़ा हो जाते हैं।
हाइजीन की कमी :-
हेल्थ रिपोर्ट के अनुसार, माता पिता के लिए हाइजीन मेंटेन करना और बच्चे में भी साफ सफाई की आदत डालना बहुत ज्यादा आवश्यक होता है। अगर माता पिता इस तरफ ध्यान नहीं देते हैं तो गंदगी की संपर्क में आकर बच्चे के पेट में कीडे़ होने का खतरा बढ़ जाता है। बार बार मुंह में हाथ डालना, नाखून की सफाई ना करना बड़ी वजह हो सकती है।
गंदे पानी का इस्तेमाल :-
अगर आप पीने या खाना बनाने के लिए गंदे पानी का इस्तेमाल कर रहे हैं तो बच्चा आसानी से पेट में होने वाले कीड़े के संपर्क में आ सकता है। इसलिए अच्छा होगा कि आप आरओ ऑटर या फिल्टर का इस्तेमाल करें।
खाने की आदत :-
अगर बच्चा नीचे गिरी चीजों को उठाकर खा लेता है तो माता पिता को ऐसा करने से तुरंत बच्चे को रोकना चाहिए। जमीन पर पड़ी चीजों को उठाकर मुंह में डालने से भी कीड़े पेट में जा सकते हैं।
मिट्टी खाने की आदत :-
कई बच्चों को चॉक, मिट्टी आदि खाने की आदत हो जाती है। यह कई बार शरीर में कैल्शियम की कमी के लक्षण हो सकते हैं। यदि बच्चा ऐसा कर रहा है तो उसे तुरंत रोकें।
पोषण का अभाव :-
शरीर में कैल्शियम, आयरन और जिंक की कमी होने पर भी पेट में आसानी से कीड़े हो सकते हैं। इसलिए बच्चे को पोषण से भरपूर भोजन दें।
डीवर्मिंग न कराना :-
बच्चे को हर छह महीने में डॉक्टर की सलाह पर डीवर्मिंग अवश्य कराना चाहिए। यह एक या दो डोज की दवाएं होती हैं जो पेट के कीड़ों को मारने का काम करती हैं।
बच्चे के पेट से कीड़ा हटाने के घरेलू उपाय
-अगर आप बच्चे के डाइट में लहसुन, गाजर, कद्दू के बीज, नारियल तेल, पपीता का बीज आदि शामिल करें।
-रात के वक्त सोने से पहले गर्म दूध में एक चम्मच अरंडी का तेल मिलाकर पिलाएं।
-एक गिलास पानी में एक चम्मच अजवाइन और एक चम्मच नमक को अच्छी तरह से मिलाकर पिलाएं।
-एक गिलास पानी में एक चम्मच काला नमक, चुटकीभर हींग मिलाकर बच्चों को खाली पेट पिलाएं।