डल झील और उसके आसपास के अतिक्रमण को जल्द से जल्द हटाए: हाईकोर्ट

जम्‍मू-कश्‍मीर। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने झील और जलमार्ग विकास प्राधिकरण (लवाडा) से कहा है कि वह डल झील और उसके आसपास के सभी अतिक्रमण को जल्द से जल्द हटाए। साथ ही इस इलाके में अतिक्रमण न हो इसके लिए भी प्रभावी कदम उठाए। कोर्ट ने कहा कि डल में आने वाले पानी और इसके उत्सर्जन पर एक रिपोर्ट 17 नवंबर को होने वाली अगली सुनवाई पर पेश की जाए। मुख्य न्यायाधीश पंकज मित्थल और न्यायमूर्ति विनोद चटर्जी कौल की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए लवाडा से कहा है कि वह डल झील में गिरने वाले सभी नालों और गंदगी बहाए जाने पर रोक लगाने पर अपना ध्यान केंद्रित करें। अदालत ने कहा कि डल झील की हाउस बोट से निकलने वाले अपशिष्ट से निजात के लिए जरूरी हो तो प्रत्येक हाउसबोट के लिए भुगतान आधारित बायो-डिग्रेडेबल टैंक या फ्लोटिंग सीवेज टैंक की व्यवस्था की जा सकती है। उच्च न्यायालय ने कहा कि लवाडा श्रीनगर नगर निगम को शामिल कर श्रीनगर स्मार्ट सिटी लिमिटेड (एसएससीएल)के साथ समन्वय स्थापित करे। हम श्रीनगर एसएससीएल को प्रतिवादियों में से एक के रूप में आरोपित करने का निर्देश देते हैं। एसएससीएल को नोटिस भी दिया जा सकता है ताकि उसके बहुमूल्य सुझाव हमें मिल सकें। अदालत ने कहा कि डल झील में पानी के श्रोतों और उनकी निकासी की उचित स्थिति को बनाए रखने के लिए सभी बाधाओं को दूर करना जरूरी है। इस बारे में अगली सुनवाई पर लवाडा विभिन्न विभागों के सहयोग से डल झील और उसके आसपास के क्षेत्र के प्रबंधन और विकास के लिए एक पूरी योजना तैयार करके उसे कोर्ट में जमा करें।

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