नई दिल्ली। फिलहाल आसमान छूती महंगाई से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उछाल, रेपो दर में इजाफा, गेहूं और अन्य खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों को देखते हुए चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही तक
महंगाई की मार पड़ती रहेगी। इस दौरान न सिर्फ पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ेंगे, बलि्क पहले से ज्यादा ईएमआई भरनी होगी, हालांकि सरकार और आरबीआई ने महंगाई से आम लोगों को राहत देने के लिए कई कदम उठाए हैं।
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक सोमवार से शुरू हो गई है। इसके फैसले बुधवार को आएंगे, जिसमें रेपो दर में फिर 0.35-0.40 फीसदी बढ़ोत्तरी की घोषणा हो सकती है।
अगर ऐसा हुआ, तो विभिन्न प्रकार के कर्ज महंगे हो जाएंगे। इसका असर लोगों की मासिक किस्त पर पड़ेगा। उन्हें पहले से ज्यादा ईएमआई भरनी होगी।