नई दिल्ली। महाराष्ट्र के पुणे स्थित जेनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स ने भारत के पहले एमआरएनए कोरोना वैक्सीन के दूसरे और तीसरे फेज के टेस्टिंग डेटा को डीसीजीआई को सौंप दिया है। कंपनी ने एक ओमिक्रॉन स्पेसिफिक वैक्सीन भी विकसित की है, जिसका इंसानों पर प्रभावकारिता और इम्यूनोजेनेसिटी के लिए परीक्षण किया जाएगा। दरअसल जेनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स कंपनी देश का पहला एमआरएनए वैक्सीन विकसित कर रही है।
आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने बताया है कि यह टीका भविष्य में अन्य बीमारियों के इलाज में भी उपयोगी साबित होने वाला है और भारत वैक्सीन महाशक्ति बनने की ओर बढ़ रहा है। डॉ. बलराम भार्गव ने अपने बयान में कहा कि भारत एक वैक्सीन सुपर पावर बनने की ओर बढ़ रहा है और यह फैक्ट कि ये टीके अन्य बीमारियों के लिए उपलब्ध होने जा रहे हैं।
बता दें कि एमआरएनए वैक्सीन की अहमियत पर नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा था कि वैक्सीन का यह एमआरएनए प्लेटफॉर्म आज कोरोना के मद्देनजर एक संपत्ति है और अन्य बीमारियों के लिए भी इससे परे है। यह मलेरिया, डेंगू या टीबी हो सकता है।